देश के बहुत से ऐसे युवा हैं. जो बचपन से ही यूपीएससी की परीक्षा क्रैक करने का सपना देखते हैं. हालांकि, कुछ लोगों का ही यह सपना पूरा हो पाता है. ज्यादातर को निराशा ही हाथ लगती है. वहीं कुछ ऐसे भी लोग होते हैं. जो पहले ही प्रयास में सफलता की नई इबारत लिख देते हैं. इन्हीं में से एक हैं आदिवासी समाज से ताल्लुक रखने वाले प्रशांत कुमार डगले. जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की और लोगों के लिए मिसाल बन गए. इस परीक्षा में प्रशांत ने 583 वीं रैंक हासिल की है.
पहले प्रयास में हासिल की सफलता

प्रशांत कुमार आदिवासी समाज से ताल्लुक रखते हैं इनकी मां हमेशा से ही चाहती थी कि उनका बेटा बड़ा होकर अफसर बने और इनके बेटे ने अपनी मां का सपना पूरा कर दिया है. उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा को पहले ही प्रयास में पास कर लिया है. जिसके बाद इनके घर परिवार में खुशी का माहौल है. प्रशांत ने बातचीत में बताया उन्होंने 12 वीं कक्षा में अच्छे खासे अंक हासिल किए थे और हर किसी को प्रभावित किया था. उनकी मां चाहती थी उनका बेटा अफसर बने. मां एकमात्र ऐसी महिला थी जो गांव में ग्रेजुएट थी. उनका सपना पूरा कर रहा हूं तो मुझे बेहद खुशी हो रही है. प्रशांत ने कहा मेरी मां पारिवारिक जिम्मेदारियों की वजह से अफसर बनने का सपना पूरा नहीं कर पाइ. लेकिन मुझे गर्व है. मैंने उनका सपना पूरा करके दिखाया है.
माता पिता को है बेटे पर गर्व

महाराष्ट्र के आदिवासी गांव चिंचवड के रहने वाले प्रशांत कुमार ने जब से यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की है. तब से इनके घर में खुशी का माहौल है. इनकी मां की खुशी का तो कोई ठिकाना है ही नहीं. साथ ही इनके पिता भी काफी खुश हैं. प्रशांत के पिता एग्रीकल्चर विभाग में काम करते हैं. वहीं इनकी मां घर का कामकाज संभालते हैं. बातचीत के आखिर में कहा उन्होंने सफलता मेहनत के दम पर हासिल की है. इस सफलता का श्रेय वह सबसे ज्यादा अपनी मां को देते हैं वहीं घर के बाकी सदस्यों ने भी उनके साथ खूब मेहनत की थी.
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