जमुई बिहार के रहने वाले हैं रोहित. दसवीं कक्षा में पढ़ाई करते हैं. परिवार आर्थिक रूप से कुछ ज्यादा खास नहीं है, लेकिन हाल ही में रोहित चर्चा में आ गए हैं और चर्चा में आने की वजह है. इन्होंने एक ऐसा आविष्कार कर दिया है. जिसके दम पर बेहद कम पैसों में बिजली को उत्पन्न किया जा सकता है. जी हां, रोहित ने 7 साल की कड़ी मेहनत के बाद इस कार्य में सफलता हासिल की है. रोहित की इस सस्ती टेक्नोलॉजी के दम पर बहुत कम पैसों में बिजली का उत्पादन किया जा सकता है बता दें, सीआईएमपी के इंक्यूबेशन फाउंडेशन से इंक्यूबेटेड हाइड्रो लिफ्टिंग टेक्नोलॉजी के आधार पर यह सब काम करेगा.
लगी है सात साल की मेहनत

रोहित कुमार ने इस पर पूरे 7 साल रिसर्च की. इसके बाद अब आकर इन्हें सफलता नसीब हुई है. साथ ही यह भी जान लीजिए. रोहित को हाइड्रो लिफ्टिंग तकनीक को कोलकाता आईपीआर सेंटर से प्रोविजनल पेटेंट मिल गया है. अब सवाल आता है कि आखिर इस तकनीक के जरिए बिजली उत्पादन कैसे किया जा सकता है तो इसका जवाब रोहित के पास है. रोहित कहते हैं अगर हम इस तकनीक के जरिए बिजली उत्पादन करना चाहते हैं तो इसके लिए हमें एक बार एक डैम में पानी भरने की आवश्यकता होती है. इसके बाद एक और डैम ले लिया जाता है.
अब हासिल की सफलता

जब हमारे पास दो डैम हो जाते हैं तो इन दोनों डेमो का पानी रोटेट होते रहता है. इसमें 15 प्रतिशत बिजली की खपत होती है. इससे 100% बिजली निकलती है 85% बिजली को हम दूसरे काम में इस्तेमाल कर सकते हैं रोहित के अनुसार यह दुनिया की सबसे सस्ती और बुनियादी हाइड्रोलिफ्ट तकनीक है. जिसके दम पर बिजली उत्पन्न करी जा सकती हैं. रोहित ने बताया 3 एकड़ भूखंड में हम 1 मेगावाट तक बिजली प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए कम से कम 11 करोड़ खर्च किए जाएंगे.
To get secure cheap & best deal from Flipkart, Amazon, Ajio, and Myntra then do join our Telgram group.
Discussion about this post