भले ही हमने और आपने कितनी ही तरक्की कर ली है. हम कितने भी आधुनिक जमाने में प्रवेश कर गए हैं, लेकिन आज भी हमारे समाज में दिव्यांग लोगों को अलग नजरिए से देखा जाता है. हालंकि, समय के साथ-साथ अब परिस्थितियां बदल रही हैं और इन लोगों को भी सम्मान मिलने लगा है. जो लोग दिव्यांग होते हैं. वह अपने जोश और जज्बे से हर किसी की सोच पर विराम लगा देते हैं और समय-समय पर ऐसी मिसाल पेश करते रहते हैं. जो लोगों के लिए प्रेरणा बन जाती है. अब बैसाखी के सहारे फूड डिलीवरी करने वाले कृष्णाप्पा को ही ले लीजिए. जो बैसाखी के सहारे लोगों की भूख बढ़ाने का काम कर रहे हैं.
बैसाखी के सहारे करते हैं फूड डिलीवरी

जी हां, कृष्णप्पा फूड डिलीवरी करने का काम करते हैं. कृष्णप्पा के इस किस्से को रोहित कुमार नाम के एक यूजर ने लिंकडइन पर शेयर किया है. इस यूजर ने दास्तां बयां करते हुए बताया है उसने स्विग्गी से खाना ऑर्डर किया था. उसे काफी तेज भूख लग रही थी नोटिफिकेशन आया आधे घंटे में खाना पहुंचने वाला है. आधे घंटे बाद जब खाना पहुंचा तो उनको थोड़ी राहत मिली. उन्होंने देखा कि एक ऐसा शख्स खाना लेकर आया है. जो बैसाखी की मदद से चल रहा है. रोहित कुमार ने बताया वह इस डिलीवरी ब्वॉय को बार-बार जल्दी खाना लाने के लिए फोन कर रहे थे, लेकिन हर बार यह सादगी से जवाब देता और कहता कि वह 5 मिनट में पहुंच रहा है. जब इस शख्स ने उनका दरवाजा खटखटाया तो वह इसकी स्थिति को देखकर काफी इमोशनल हो गए.
कंधो पर तीन बच्चों की जिम्मेदारी

उन्होंने देखा एक शख्स बैसाखी के सहारे खाना लेकर आया है. रोहित कुमार ने आगे बताया मैंने उससे बातचीत की तो उस शख्स ने अपना नाम कृष्णप्पा राठौर बताया कहा उसकी लॉकडाउन के दौरान जॉब चली गई थी और तब से ही वह फूड डिलीवरी करने का काम कर रहा है. बता दें, कृष्णप्पा राठौड़ के कंधों पर तीन बच्चों को पालन पोषण की जिम्मेदारी है. यह इस उम्र में लोगों के लिए मिसाल बने हुए हैं. वहीं लिंकडइन पर शेयर किए गए इस पोस्ट में आखिर में रोहित कुमार ने कांटेक्ट भी दिया है और कहा अगर कोई मदद करना चाहता है तो वह उनसे संपर्क कर सकता है.
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