भारतीय क्रिकेट टीम विश्व की सबसे कामयाब टीमों में से एक है. आपको बता दें कि भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी जगह बनाने के लिए हर खिलाड़ी दिन-रात कड़ी मेहनत करते हैं. लेकिन कुछ ही खिलाड़ी ऐसे होते हैं जो भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी जगह बना पाते हैं. ऐसा माना जाता है कि भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी जगह बनाने के लिए खिलाड़ियों को दिन-रात कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. दिन-रात कड़ी मेहनत करने के बाद ही खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी एक अलग जगह बना पाते हैं. ऐसे ही आज हम आपको एक भारतीय क्रिकेट टीम के मशहूर खिलाड़ी के बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने संघर्षों का सामना करके भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी एक अलग जगह बनाई है.
आज हम आपको जिस भारतीय खिलाड़ी के बारे में बताने वाले हैं, उस खिलाड़ी का नाम मोहम्मद सिराज है. मोहम्मद सिराज आज भारतीय क्रिकेट टीम के प्रमुख गेंदबाज के रूप में माने जाते हैं. यही नहीं बल्कि उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल में भी अच्छा प्रदर्शन किया है. लेकिन यहां तक का सफर तय कर पाना उनके लिए आसान नहीं था. एक समय ऐसा था जब उनके परिवार में आर्थिक तंगी आ गई थी.
आपको जानकर हैरानी होगी कि मोहम्मद सिराज के पिता बचपन से ही अपने बेटे को एक क्रिकेटर बनाना चाहते थे. इसके लिए वह ऑटो चलाने का भी काम कर चुके हैं. बचपन में वह मोहम्मद सिराज को प्रतिदिन ₹100 देते थे, जिससे वह बाइक में पेट्रोल डलवा कर क्रिकेट की प्रैक्टिस करने जाते थे. हालांकि वह प्रतिदिन ऑटो चला कर 300 से ₹400 कमा पाते थे, लेकिन इसके बावजूद वह हर दिन अपने बेटे को ₹100 देते थे.
आपको बताते चलें कि मोहम्मद सिराज आईपीएल के पहले ऐसे गेंदबाज हैं, जिन्होंने एक ही मैच में 2 मेडन ओवर डालने का रिकॉर्ड बनाया है. आईपीएल के इस जबरदस्त प्रदर्शन के बाद मोहम्मद सिराज को इंडियन क्रिकेट टीम की तरफ से खेलने का मौका मिला. साल 2017 में उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ T20 मैच में अपना डेब्यू किया था. उसके बाद से लगातार अच्छे प्रदर्शन के साथ टीम इंडिया के प्रमुख गेंदबाज बन गए हैं.
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