हर किसी के जीवन में कभी ना कभी संघर्ष भरा समय आता है. कुछ लोग इस संघर्ष से लड़कर अपनी जिंदगी में सफल हो जाते हैं. वहीं कुछ लोग इस संघर्ष से हार कर अपनी जिंदगी को असफलता की ओर धकेल देते हैं. लेकिन जो लोग संघर्षों से लड़कर अपनी जिंदगी में सफल होते हैं. वह हर किसी के लिए प्रेरणा बन जाते हैं. ऐसे ही लोगों में से एक भंवरलाल आर्य भी हैं. जिनका बचपन गरीबी और आर्थिक परिस्थितियों के बीच बीता. लेकिन उन्होंने कभी भी परिस्थितियों से हार नहीं मानी. बल्कि इन परिस्थितियों को ही अपना हथियार बना लिया उनके दम पर ही वह अब सफल हो चुके हैं. ना सिर्फ सफल हो चुके हैं बल्कि हजारों लोगों के लिए प्रेरणा भी है.
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छोटी उम्र में खाने के लिए करनी पड़ी मजदूरी
भवरलाल आर्य का जन्म राजस्थान के एक ऐसे परिवार में हुआ था. जिस परिवार में ठीक से खाना खाने के लिए भी सामान नहीं होता था. इनकी माताजी 6 किलोमीटर दूर से पानी भरकर लाती थी. आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से इन्हें शुरुआत में ही नानी के यहां भेज दिया गया, लेकिन 12 वर्ष की उम्र तक आते-आते इनकी स्थितियां और खराब हो गई और उसे छोटी सी उम्र में ही ये खाने पीने के लिए जगह-जगह पैर मारने लगे. मजदूरी करने लगे थे. जानकारी के मुताबिक इन्हें इसी समय एक सेठ के यहां नौकरी मिल गई थी जो इन्हें 50 रुपए खाना-पीना देता था. कहा जाता है यही से इनकी जिंदगी ने पटरी पर आना शुरू किया था. और यहीं भंवरलाल आर्या के दिमाग में बिजनेस के तरह-तरह के आईडियाज आने लगे थे.
पैसे जुटाकर किया कपड़े का व्यापार
कुछ समय सेठ के यहां काम करने के बाद इनकी कई जानकारियां बन गई थी और उन्होंने कुछ समय बाद ही 30,000 रुपए के साथ कपड़े के व्यापार की शुरुआत कर दी थी. धीरे धीरे इनका यह व्यापर बढ़ता चला गया. जिसके बाद उन्होंने एक दुकान खरीदी और उसमें इस व्यापार को और बढ़ा दिया. वहीं कुछ समय बाद ही इन्होंने छोटे भाई के साथ मिलकर टेक्सटाइल के बिजनेस में भी एंट्री कर दी. जहां से इनके इस बिजनेस को और रफ्तार में लिया और देखते ही देखते यह फर्श से अर्श तक के सफर पर पहुंच गए. वर्तमान समय में इनके जनता टेक्सटाइल के टर्न ओवर की बात करें तो करीब 100 करोड के आसपास इनका टर्नओवर है. वहीं कपड़ों के व्यापार से भी ये अच्छी खासी कमाई करते हैं.
कई जगह हो चुके हैं सम्मानित
भवरलाल आर्य भले ही करोड़पति है लेकिन इनकी सादगी आज भी जवाब दे जाती है. आर्य जहां कहीं भी रह जाते हैं. साधारण कपड़ो में ही जाते हैं. यह ज्यादातर समय योग को भी देते हैं. यही वजह है यह इस उम्र में भी काफी फिट है. इसके अलावा इन्हें कई जगह से सम्मानित किया जा चुका है. संस्कार भारती योग रत्न से भी ये सम्मानित हो चुके हैं.
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