यूपीएससी की परीक्षा में सफल होने के लिए अभ्यर्थी को दिन-रात कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. इसके बाद भी कोई गारंटी नहीं होती है कि वह उम्मीदवार परीक्षा में सफल हो ही जाएगा. कुछ ऐसे भी अभ्यर्थी होते हैं. जो पहले ही प्रयास में परीक्षा को पास कर के तमाम लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बन जाते हैं. आज हम आपको रितिका जिंदल के बारे में बताने वाले हैं. जिन्होंने महज 22 साल की उम्र में यूपीएससी की परीक्षा को पास करके आईएएस बनने तक का मकाम हासिल किया था. इन्होंने पारिवारिक परिस्थितियों से जूझते हुए इस परीक्षा में सफलता हासिल की थी तो चलिए जानते हैं. रितिका जिंदल के बारे में.
बचपन से ही था कुछ अलग करने का जज्बा

रितिका मूल रूप से पंजाब से ताल्लुक रखती हैं. यह बताती है उन्होंने बहुत छोटी सी उम्र में ही आईएएस बनने का सपना देख लिया था. इनके घर में भगत सिंह और लाजपत राय की कहानियां सुनाई जाती थी. इसी से प्रेरणा लेकर उन्होंने ठान लिया था कि वह समाज के लिए कुछ अलग करेंगी. इन्होंने 12 वीं की परीक्षा में टॉप किया था. इसके बाद लेडी श्री राम कॉलेज से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी. उन्होंने कड़ी मेहनत के बाद पहली बार एग्जाम में बैठने का फैसला किया. लेकिन इन्हें आईएएस के बराबर रैंक नहीं मिली थी. जिसके बाद इन्होंने दोबारा मेहनत की और सफल हो गई.
दूसरे प्रयास में बनी आईएएस

भले ही रितिका जिंदल को पहले प्रयास में आईएएस बनने के लायक रैंक नहीं मिली थी, लेकिन उन्होंने दूसरे प्रयास में अच्छी-खासी रैंक हासिल करके आईएएस बनने का सपना पूरा किया था. उस दौरान इनकी उम्र महज 22 वर्ष थी. उन्होंने साल 2018 में सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 88 वी रैंक प्राप्त की थी. भले ही रितिका जिंदल इस परीक्षा में सफल हो गई लेकिन यहां पहुंचने के लिए सफर काफी मुश्किलों भरा रहा था. इनके पिता कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे और इस दौरान घर के खर्चे चलाने की जिम्मेदारी भी इनके पिता के कंधों पर ही थी. जिसके बाद यह पढ़ाई लिखाई करती थी और पिता की देखभाल भी करती थीं.
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