अक्सर हम देखते हैं. जो लोग शारीरिक परेशानियों का शिकार होते हैं. उनको समाज में अलग नजरों से देखा जाता है कहा जाता है वह सफल नहीं हो सकते. लेकिन इसके विपरीत कुछ ऐसे भी लोग होते हैं. जो समय-समय पर इन बातों को खारिज साबित कर देते हैं. इन्हीं में से एक आईएएस अधिकारी प्रांजल पाटिल हैं. जिन्होंने दृष्टिबाधित होते हुए यूपीएससी की परीक्षा को पास किया था और वर्तमान समय में कलेक्टर के तौर पर काम कर रही हैं और तमाम लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं.
बचपन में ही चली गई आंखों की रोशनी

प्रांजल पाटिल उस समय 6 साल की रही होंगी. जब इनके साथ एक ऐसी अप्रिय घटना हुई थी. जिसके बाद इनकी आंखों की रोशनी हमेशा हमेशा के लिए चली गई दरअसल, खेल खेल में इनकी आंख में एक बच्चे ने पेंसिल घुसा दी थी. जिसके बाद उनकी आंख खराब हो गई. यूं तो इनकी एक आंख बच गई थी, लेकिन कुछ ही समय बाद उसकी रोशनी भी चली गई. जिसके बाद इनके सामने अंधकार ही अंधकार था, लेकिन प्रांजल पाटिल हार मानने वालों में से नहीं थीं. इन्हें बचपन से ही पढ़ाई लिखाई अच्छी लगती थी. जिसके बाद उन्होंने अपनी स्कूलिंग की और सेंट जेवियर से स्नातक पूरा किया था.
शुरू की यूपीएससी की तैयारी

सेंट जेवियर से स्नातक पूरा करने के बाद प्रांजल पाटिल ने यूपीएससी की तैयारी करना शुरू कर दिया. इस दौरान इनके लिए कुछ सॉफ्टवेयर्स ने काफी मदद की थी. जो मुख्य रूप से दृष्टिबाधित लोगों के लिए बनाए गए हैं. इन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में सफल होने के लिए खूब मेहनत की थी. एम – फिल की पढ़ाई करते हुए उन्होंने इस परीक्षा को दिया था. इन्हें कड़ी मेहनत का फल साल 2016 में मिला था. साल 2016 की यूपीएससी परीक्षा में 77 वी रैंक हासिल की थी. आपने अटूट विश्वास और प्रयासों के दम पर यह मुकाम हासिल किया था. प्रांजल पाटिल उन तमाम लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है. जो अपने शरीर में कुछ कमियां होने की वजह से हार मान कर बैठ जाते हैं.
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