अक्सर हमारे समाज में तमाम ऐसे उदाहरण देखने को मिलते हैं. जो हर किसी के लिए प्रेरणा स्रोत बन जाते हैं. ज्यादातर युवाओं का सपना होता है वह अच्छी खासी नौकरी करें सेटल हो जाए. लेकिन कुछ ऐसे भी अपवाद समाज में मौजूद हैं. जो खुद के बारे में ना सोचकर दूसरों के बारे में सोचते हैं. इन्हीं लोगों में से हेमंत का नाम भी एक है. जो अपने जीवन की परवाह न करते हुए जानवरों का ख्याल रखते हैं. जिस उम्र में लड़के कॉलेज मैं मस्ती करते हैं घूमते फिरते हैं. उस उम्र में यह 200 जानवरों की देखभाल कर रहे हैं.
जिंदगी की परवाह किए बिना जानवरों की देखभाल करते हैं
हेमंत उन चंद लोगों में से एक हैं. जो अपनी परवाह न करते हुए दूसरों की जान बचाने में काफी अहम योगदान निभाते हैं. हेमंत अपने परिवार से दूर रहते हैं और जहां भी इन्हें सड़क पर कोई जानवर घायल दिखता है या मुसीबत में दिखता है तो यह उसका रेस्क्यू करके अपने केयर सेंटर पर ले आते हैं. 1 एकड़ में करीब हेमंत ने केयर सेंटर बनाया हुआ है. जिसमें बिल्ली, गाय, बंदर कुत्ते मौजूद हैं. यह सभी की अपने पैसों से देखभाल करते हैं. यह काम हेमंत पिछले आठ सालों से कर रहे हैं. बता दें, हेमंत के इस केयर सेंटर में एक एंबुलेंस मौजूद है. जो एनसीआर के सभी इलाकों से घायल जानवरों को लाने का काम करती है. आपको जानकर अचरज हो सकता है. हेमंत नेशनल लेवल के शूटर रह चुके हैं.
इस घटना ने बदल कर रख दी जिंदगी
बता दें, हेमंत का यह रेस्क्यू सेंटर सेक्टर 59 एरिया में स्थित है. जिसमें 100 से अधिक जानवर मौजूद हैं. जो किसी ना किसी तरह की बीमारी से जूझ रहे हैं. हेमंत इन सभी जानवरों की देखभाल करते हैं और पूरा खर्चा उठाते हैं. इसके लिए उनका परिवार इनकी आर्थिक मदद करता है. आज से करीब 8 साल पहले इनके साथ एक ऐसी घटना हुई थी. उसके बाद से आज तक यह जानवरों को बचाने का काम कर रहे हैं. 8 साल पहले उनकी गली में एक कुत्ते को कीड़े पड़ गए थे. तमाम कोशिशों के बाद वह बच नहीं सका. इस घटना ने हेमंत की जिंदगी बदलकर रख दी. तभी से यह जानवरों को बचाने का काम कर रहे हैं.
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