कहते हैं यह गांधी का देश है और विरोध गांधी की तरह ही करेंगे तो सफल होंगे और इस बात को तमाम लोगों सिद्ध कर दिया है. जी हां अभी भी लोगों को किसी भी चीज से दिक्कत होती है तो लोग गांधीगिरी पर उतर आते हैं और काफी शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करते हैं और ऐसे में सरकारें भी उनकी बातें सुन लिया करती हैं. हालांकि, इन दिनों बिहार के एक विश्वविद्यालय से एक प्रोफेसर की एक खबर आ रही है और इस प्रोफेसर ने विरोध करने के लिए गांधीगिरी का स्टाइल अपनाया है और इस प्रोफेसर का यह गांधीगिरी इस समय सोशल मीडिया पर काफी तेजी से फैल रहा है और लोग इस प्रोफेसर के विरोध करने के इस तरीके से काफी ज्यादा प्रभावित हैं और खूब ज्यादा तारीफ भी कर रहे हैं.
दरअसल बिहार प्रदेश के आरा जिले में स्थित वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के भोजपुरी विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर दिवाकर पांडे इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा ट्रेंड कर रहे हैं और लोग सोशल मीडिया पर इनके विरोध करने के तरीके से काफी ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं और इनकी जमकर तारीफ कर रहे हैं. दरअसल, प्रोफेसर दिवाकर पांडे ने बीते दिनों सफाई कर्मचारी के गेटअप को धारण किया और अपने विभाग के टॉयलेट को खुद ही अपने हाथों से साफ कर डाला. जिसके बाद से यह मामला सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है.
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सफाई कर्मी मुहैया कराने की की थी मांग
बता दें कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के भोजपुरी विभाग के कर्मचारियों को कुछ दिन पहले ही किसी और विभाग में तैनात कर दिया गया था. जिसके वजह से इस विभाग के टॉयलेट पूरी तरह से गंदे हो चुके थे और इतनी ज्यादा गंदगी की वजह से इस विभाग में काम करना तक मुश्किल हो गया था और ऐसे में प्रोफ़ेसर दिवाकर पांडे ने इसकी कंप्लेंट भी की थी. हालांकि, इस पर विश्वविद्यालय की तरफ से कोई सुनवाई नहीं हुआ जिसके बाद से इन्होंने गांधीगिरी का तरीका अपनाया और खुद ही सफाई कर्मचारी के गेटअप में उतर आए और साफ सफाई करने लगे.
प्रोफेसर दिवाकर पांडे ने सफाई कर्मचारी के गेटअप में आकर बाथरूम से लेकर पूरे वॉश बेसिंग को साफ कर डाला है. प्रोफेसर दिवाकर पांडे का कहना है कि जब तक सफाई कर्मी मुहैया नहीं की जाएगी तब तक वह सफाई करते रहेंगे और वह इसी तरह से विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे. पहले सफाई होगी फिर जाकर ही पढ़ाई होगी. हालांकि, यह मुद्दा इंटरनेट की दुनिया में काफी तेजी से फैलता हुआ नजर आ रहा है और प्रोफेसर दिवाकर पांडे का विरोध करने का यह तरीका लोगों को भी पसंद आ रहा है.
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