हटसन एग्रो प्रोडक्ट देश की चुनिंदा एग्री कंपनियों की लिस्ट में शामिल किया जाता है. डेयरी उद्योग की जब बात की जाती है तो हटसन एग्रो प्रोडक्ट काफी चर्चा में आता है। आज से कई दशक पहले चंद्रमोगन ने पिता से पैसा लेकर आइसक्रीम बनाने की शुरुआत की थी और देखते ही देखते ये कंपनी अब करोड़ों की कंपनी में तब्दील हो गई है चंद्रमोगन को भी नहीं पता चला. इस आर्टिकल में हम आपको हटसन एग्रो प्रोडक्ट के सफलता के ही परिदृश्य से रूबरू कराने वाले हैं. जानेंगे कि आखिर इस कंपनी ने सफलता कैसे हासिल की है.
13000 से शुरू की थी फैक्ट्री
चंद्रमोगन के मुताबिक यह बात कई अरसे पुरानी है. एक समय पर उन्होंने अपने पिताजी से 13000 मांगे थे. उन्होंने कहा था कि वह खुद का बिजनेस स्टार्ट-अप करना चाहते हैं. उस समय इनके पिताजी ने 13000 देने के लिए कई सारे सवाल जवाब किए थे. जैसे तैसे करके इन्हें पैसे मिल गए. इसके बाद इन्होंने इस पैसे की बदौलत आइसक्रीम कैंडी की एक छोटी सी फैक्ट्री लगाई थी. 1970 में चेन्नई के एक किराए के घर में शुरू की गई. इस कंपनी के लिए शुरुआत में काम करने वाले कर्मचारियों ने भी फंड जुटाया था. यहां तक कि कर्मचारियों को सैलरी भी नहीं दी जाती थी. पर वर्तमान समय में हटसन एग्रो प्रोडक्ट का मार्केट कैप 13000 करोड़ से अधिक है. फैक्ट्री की शुरुआत तेरह हजार से शुरू हुई थी. वहीं अब देश की चुनिंदा कंपनियों में शुमार की जाती है.
33 लाख लीटर दूध खरीदती है हटसन प्रोडक्ट
हटसन एग्रो प्रोडक्ट सफलता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं. यह कंपनी 40 लाख किसानों से 33 लाख लीटर दूध खरीदती है. इस ब्रांड के मार्केट में पनीर हटसन दही, आरोकी मिल्क जैसी तमाम प्रोडक्ट मौजूद है. इसके साथ ही मार्केट का 17 फ़ीसदी आइसक्रीम इसी कंपनी के द्वारा बनाया जाता है. इस ब्रांड की भारत में तो पहचान है ही. इसके साथ ही दक्षिण एशियाई देशों में भी इस ब्रांड को लोग खूब पसंद करते हैं. 38 देशों में हाटसन एग्रो के प्रोडक्ट निर्यात किए जाते हैं. बता दें, वर्तमान समय में हटसन एग्रो प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड 20 संयंत्रों पर काम करती है. पिछले दिनों ही इसमें ओडिशा में एक संयंत्र की शुरुआत करी थी.
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