एक दौर था जब भारत कृषि प्रधान देश हुआ करता था. कहने को तो आज भी ज्यादातर आबादी खेती-बाड़ी पर ही निर्भर रहती है लेकिन अब चीजें बदल चुकी हैं. किसान खेती करना नहीं चाहते क्योंकि इसमें उन्हें मुनाफा नहीं है. वह अपने बच्चों को अच्छे से पढ़ाना लिखना चाहते हैं और चाहते हैं कि उनकी नौकरी लग जाए. इस आर्टिकल में एक ऐसे लड़के के बारे में हम आपको बताने वाले हैं. जिसकी मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब लग गई थी. इसने एमबीए की पढ़ाई करी लेकिन नौकरी छोड़कर गांव वापस आ गया और यहां इसने ऑर्गेनिक खेती करना शुरू कर दिया.
लाखों का पैकेज छोड़कर शुरू की खेती

आपको जानकर अचरज हो सकता है. अरविंद साय वह व्यक्ति हैं. जिन्होंने एमबीए की पढ़ाई की थी. प्रोफेशनल डिग्री लेने के बाद इनकी वकायदा एक मल्टीनेशनल कंपनी में अच्छे खासे पैकेज पर नौकरी भी लग गई. इन्हें यहां से अच्छा खासा पैकेज मिल जाता था, लेकिन इन्हें इस नौकरी से संतुष्टि नहीं मिल रही थी. जिसके बाद इन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला लिया. छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के रहने वाले अरविंद साय नौकरी छोड़कर गांव वापस आ गए और यहां पर इन्होंने खेती की तरफ अपना ध्यान आकर्षित कर दिया. ऐसे में इन्हें कई तरह की समस्याएं आई. सबसे पहले घर वालों ने इन्हें खूब भला बुरा कहा जाहिर बात है. कोई मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी छोड़ देगा तो उसे घरवालों को संतुष्ट करना ही पड़ेगा.
शुरू की ऑर्गेनिक फार्मिंग

अरविंद साय ने गांव लौटने के बाद सबसे पहले ऑर्गेनिक खेती के ऊपर जमीन तलाशना स्टार्ट कर दिया और जब इन्हें जमीन मिल गई तो इन्होंने अरहर और मक्का की खेती करना शुरू कर दिया. खास बात यह थी कि यह टेक्नोलॉजी पर खूब जोर देते और यही वजह रही इन्होंने अगले कुछ साल में मक्के और अरहर की खेती की इसके दम पर करोड रुपए कमा लिए. इस दौरान इन्हें 3 बरस लगे. वर्तमान समय में अरविंद साय कई लोगों को रोजगार दे रहे हैं और ऑर्गेनिक खेती के जरिए अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं. लोगों को भी तकनीक को माध्यम से खेती करने की सलाह मशवरा देते हैं.
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