यूपीएससी की परीक्षा में आदर्श कांत शुक्ला ने 149 वीं रैंक हासिल करके आईपीएस बनने तक का सफर तय किया. बाराबंकी उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले आदर्श कांत शुक्ला बेहद मध्यम परिवार से ताल्लुक रखते हैं. यह पढ़ाई लिखाई में हमेशा से ही होनहार थे जिसकी वजह से उन्होंने बचपन में ही सोच लिया था कि उन्हें बड़े होकर ऑफिसर बनना है. वैसे तो इनके पिताजी ने भी यह सपना देखा था लेकिन वह घर के आर्थिक हालात हो खराब होने की वजह से यह सपना पूरा नहीं कर पाए. लेकिन अब उनके बेटे ने यह कारनामा करके दिखा दिया है.
आर्थिक तंगी में बीता बचपन

आदर्श कांत शुक्ला के पिता एक प्राइवेट फर्म में बतौर अकाउंटेंट जॉब करते हैं तो इनकी माताजी घर का कामकाज संभालतती हैं. उनके घर की कंडीशन क्या होगी. इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं. आज से 20 साल पहले यह गांव छोड़कर बाराबंकी रहने आए थे यहां पर काफी सालों तक किराए के घर में रहे. हालांकि, उन्होंने फिर खुद का मकान खरीद लिया. बेटे को तमाम परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने पढ़ाना लिखाना जारी रखा. आदर्श की शुरुआती पढ़ाई बाराबंकी के ही एक स्कूल से पूरी हुई थी. इसके बाद इन्होंने लखनऊ से बीएससी की डिग्री हासिल की थी और स्नातक की पढ़ाई के दौरान इन्हें गोल्ड मेडल भी मिला था.
बनना चाहते थे आईएएस बन गए आईपीएस

आदर्श कांत शुक्ला ने बहुत कम उम्र में ही ऑफिसर बनने का सपना देख लिया. यह अपने भविष्य की दास्तां तय कर चुके थे. उन्होंने सोच लिया था उन्हें बड़े होकर आईएएस बनना है. बीएससी की पढ़ाई खत्म करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करना शुरू कर दिया और साल 2020 में इन्होंने एग्जाम में बैठने का फैसला लिया. इस परीक्षा में इन्हें 149 वी रैंक हासिल हुई थी. यह आईएएस बनने का सफर तो पूरा नहीं कर पाए लेकिन आईपीएस बन गए. उन्होंने महज 21 वर्ष की उम्र में ही आईपीएस बनने का कारनामा किया था. आदर्श कांत शुक्ला कहते हैं. हमें सिविल सर्विसेज की परीक्षा की तैयारी करते समय अपना गोल क्लियर रखना चाहिए. वर्तमान समय में यह तमाम लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है.
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