लंबे इंतजार के बाद सीबीएसई ने 12वीं का रिजल्ट घोषित कर दिया है. इस बार 12वीं की परीक्षा में लड़कों को पछाड़कर लड़कियों ने बाजी मारी है. इस बार की परीक्षा में लड़कियों ने लड़कों से अधिक अंक प्राप्त किए हैं. वहीं आज के इस पोस्ट में हम आपको इस परीक्षा में 99 फ़ीसदी अंक प्राप्त करने वाली एक ऐसी लड़की के बारे में बताने वाले हैं. जिसको संस्कृत से अलग ही तरह का लगाव है और उस अकेली लड़की के लिए स्कूल में संस्कृत पढ़ाने की शुरुआत की गई थी तो चलिए जानते हैं ऐसा ही कारनामा करने वाली शांभवी के बारे में.
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संस्कृत में 100 में से 100 अंक
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की रहने वाली शांभवी ने सीबीएसई की परीक्षा में 99 फ़ीसदी अंक प्राप्त किए हैं इस दौरान इन्हें संस्कृत भाषा में भी 100 अंक प्राप्त हुए हैं. शत-प्रतिशत अंक लाने की वजह भी शांभवी अब चर्चा में बनी हुई है. इस दौरान शांभवी के घर में खुशी का माहौल है. हर कोई इनके पास होने पर खुशी खुशी झूम रहा है लेकिन एक बात जो सबसे ज्यादा नोटिस की जा रही है. वह कि आखिर इनको संस्कृत में ऐसा क्या इंटरेस्ट है कि इनके संस्कृत में 100 में से पूरे नंबर आए हैं. जब उनसे पूछा गया कि वह संस्कृति को इतना पसंद क्यों करती है तो इसका जवाब शांभवी में बड़ी सादगी से दिया है. उन्होंने कहा कि उनके घर में संस्कृत का ही माहौल है. स्कूल में पहले संस्कृत नहीं पढ़ाते थे लेकिन उनके कहने पर संस्कृत के पीरियड की शुरुआत की गई और घर पर मेरे दादाजी मुझे संस्कृत पढ़ाते थे और इन दोनों की बदौलत ही में संस्कृत सब्जेक्ट में इतना अच्छा स्कोर कर पाई हूँ.
घर में रहा संस्कृत का माहौल
शांभवी के मुताबिक उनके घर में हमेशा से ही संस्कृत का माहौल रहा है. यही वजह है कि जब उनके दादाजी संस्कृत पढ़ते थे. तब इसका उन पर भी असर पड़ता था वह धीरे-धीरे उनका मन भी संस्कृत पढ़ने में लगने लगा इसके लिए उन्होंने संस्कृत सब्जेक्ट कॉलेज में भी चुना. संस्कृत को ही अपना फेवरेट सब्जेक्ट मना लिया. बता दें, शांभवी संस्कृत पढ़ने में कोई परेशानी ना महसूस करें इसके लिए इनके दादा जी ने बाकायदा घर पर संस्कृत के प्रोफेशनल टीचर्स भी बुलाए थे. यहां तक कि खुद भी संस्कृत पढ़ाते थे. रिजल्ट के बाद शांभवी ने बताया कि उन्हें खुद रिजल्ट के बारे में नहीं पता था लेकिन उन्हें उनकी टीचर ने बताया कि उन्होंने परीक्षा में टॉप किया जिसके बाद वह खुद खुश हुई और उन्हें अपने मेहनत का फल पाकर पूरी खुशी हो रही है.
बनाना चाहती हैं पत्रकार
वहीं जब शांभवी से उनके फ्यूचर प्लान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह फ्यूचर में पत्रकारिता की पढ़ाई करना चाहती हैं और पत्रकार बनना चाहती हैं. शांभवी ने आगे और छात्रों को भी संदेश दिया. जो इस परीक्षा में फेल हो गई हैं. या परीक्षा देने वाले हैं. उन्होंने कहा कि हमें पूरे डेडीकेशन के साथ पढ़ाई करनी चाहिए और रिजल्ट की दिक्कत नहीं लेनी चाहिए. रिजल्ट तो जब हम मेहनत करते हैं तो अच्छा ही आता है.
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