आज के इस पोस्ट में हम आपको एक ऐसे लड़के की कहानी बताने वाले हैं. जिसमें मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई की थी और पढ़ाई पूरी करने के बाद उसको एमसीए जैसी बड़ी कंपनी में नौकरी भी मिल गई थी. इसके अलावा उसने गुरुग्राम की कई बड़ी-बड़ी कंपनियों में बतौर सॉफ्टवेयर डेवलपर काम किया. लेकिन उसे नौकरी रास नहीं आई तो उसने नौकरी छोड़ दी और फिर लोन लेकर एक काम की शुरुआत की और उस काम की वजह से आज वह 15 लोगों को रोजगार दे चुका है और जिंदगी में सफलता के नए आयाम स्थापित कर चुका है. हम बात कर रहे हैं अश्विनी राठी के बारे में. जिन्होंने यह सब कारनामा किया है.
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इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद किया बिजनेस
मिली जानकारी के अनुसार अश्विनी राठी ने दयानंद विश्वविद्यालय से साल 2015 में कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री ली. इसके बाद इन्हें कई कंपनियों में भी बतौर सॉफ्टवेयर डेवलपर काम करने का मौका मिला. लेकिन वह कहते हैं ना जब आपके अंदर किसी और काम को करने की आग पल रही होती है, तो आपका काम में मन नहीं लगता है. इनके साथ भी ऐसा ही हुआ और उन्होंने कुछ समय बाद नौकरी को ठुकरा कर मुख्यमंत्री स्वावलंबी योजना के तहत 15 लाख का लोन लिया और उस लोन की मदद से ही इन्होंने बिजनेस की शुरुआत की और आज उसी बिजनेस की बदौलत यह 15 लोगों को रोजगार दे चुके हैं और अच्छा खासा मुनाफा जनरेट कर रहे हैं.
छोटे-छोटे टुकड़ों से मोजेक बनाने का करते हैं काम
अश्विनी राठी ने कुछ समय पहले छोटे-छोटे टुकड़ों से मोजेक यानी टाइल बनाने की शुरुआत की थी. शुरुआत में ये खुद ही इस काम को करते थे लेकिन अब इनके पास 15 कर्मचारी काम करते हैं. यह छोटे-छोटे टुकड़ों की मदद से टाइल बनाने का काम करते हैं. यह बताते हैं कि उन्होंने उस 15 लाख रुपए से मशीनरी खरीदी थी और उस मशीनरी की बदौलत ही यह काम संभव हो पाता है. इनके अनुसार सिलेट गड़सा टाइल इनका पुश्तैनी काम है और वह अपने पुश्तैनी काम को ही आगे बढ़ा रहे हैं. इनका काम वर्तमान समय में अच्छा चल रहा है यही कारण है कि यह 15 से 20 कर्मचारियों को आराम से सैलरी दे रहे हैं और अपना खर्चा पानी भी चला रहे हैं.
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