सब्सिडी, (LPG Subsidy) आमतौर पर सरकार की तरफ से नकद भुगतान है जिसे मार्च 2015 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य था कि, लोगो को एलपीजी सिलेंडर के लिए प्रेरित करना। जो लोग एलपीजी को बाजार मूल्य पर खरीदने सकने में सक्षम हैं,वह अपनी एलपीजी सब्सिडी (LPG Subsidy) को छोड़ सकता थे।
कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के कारण लोगों के काम–धंधे ठप हो गए और मंहगाई ने भी आम आदमी की कमर तोड़ के रख दी है,पहले 5०० से 6०० में मिलने वाला सिलेंडर अब 8०० से 9०० के आस पास आ रहा है,
और पहले हमारी केंद्र सरकार एलपीजी सिलेंडर की खरीद पर ग्राहकों को सिलिंडर की सब्सिडी (LPG Subsidy) देती थी, जो कि आम आदमी के बजट में थी लेकिन कोरोना महामारी के आने के बाद से सरकार ने इसे देना बंद कर दिया था।
पर फिर से कुछ दिनों बाद कुछ मात्रा में सब्सिडी (LPG Subsidy) देना शुरू तो कर दिया था, पर वह न के बराबर थी।
और अब ऐसा कहा जा रहा है से फिर दी जायेगी पहले की तरह ही सब्सिडी (LPG Subsidy)।
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वित्त मंत्रालय को एलपीजी सिलेंडर को लेकर जो प्रस्ताव भेजा गया था,उसके अनुसार झारखंड, मध्य प्रदेश और पूर्वोत्तर के राज्यों में एलपीजी सब्सिडी (LPG Subsidy) पहले से ही दी जा रही है, बस देश के बाकी राज्यों में इसे शुरू करने की जरूरत है। फाइनेंस मिनिस्ट्री यदि वित्त मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे देती है तो, पेट्रोलियम कंपनियों को सरकार की तरफ से 303 रुपये/सिलेंडर की सब्सिडी मिलना शुरू हो जाएगी,और इसका फायदा सीधा ग्राहकों को होगा। इसका मतलब अभी जिस सिलेंडर को लेने के लिए आप को 900 रुपये का देने पड़ रहे थे, उसके लिए अब से आपको सिर्फ 587 रुपये ही देने होगे।
सरकार के इस फैसले से मध्यम वर्ग के परिवारों को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा और उनका बोझ कुछ काम होता हुआ दिखाई देगा।