सेवा की भावना हर एक इंसान के अंदर नहीं होती है लेकिन कुछ लोगों के अंदर यह फूट-फूट कर भरी होती है और यह लोगों की सेवा करने को ही अपना सबसे बड़ा धर्म समझ बैठते हैं. जी हां आज इस लेख के माध्यम से हम आपको एक ऐसे इंसान से मिलाने वाले हैं जो कोलकाता के हॉस्पिटल मैन के नाम से जाने जाते हैं. इनकी सेवा की भावना को देखकर आप इनकी तारीफ करने से नहीं रुकेंगे. क्योंकि यह खुद एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने के बावजूद भी हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के परिवार वालों का पेट भरते हैं.
इतना ही नहीं कोलकाता के यह हॉस्पिटल मैन है डेली 150 से ज्यादा लोगों का पेट भरते हैं. आइए जानते हैं कि कौन है यह हॉस्पिटल मैन जो मरीजों के मसीहा कहे जाते हैं. 50 वर्षीय हॉस्पिटल मैन का नाम पार्थ कर चौधरी है. यह कोलकाता के रहने वाले हैं. पेशे से यह एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर हैं. लेकिन यह लोगों के लिए भगवान के किसी फरिश्ते से कम नहीं है.कोलकाता के लोग इन्हें हॉस्पिटल मैन के नाम से पुकारते हैं.
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क्योंकि यह शहर के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में भर्ती हुए मरीजों और उनके परिवार वालों के लिए फ्री में खाना खिलाने का कार्य करते हैं. इतना ही नहीं जब लॉकडाउन के दौरान पूरा देश एक समय के लिए रुक गया था. तब भी पार्थ कर चौधरी ने अपना सेवा जारी रखा था और मरीजों को खाना खिलाना जारी रखा था. मीडिया से बातचीत करते हुए पार्थ कर चौधरी ने बताया कि एक बार कुछ सालों पहले वह हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे और उस दौरान उन्हें मरीजों के परिजनों की हालत को देखकर काफी दुख हुआ था.
जिसके बाद से उन्होंने ठान लिया था कि वह हॉस्पिटल मै बनेंगे और फिर क्या था जैसे ही इनकी तबीयत सही हुई और हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुए तो इन्होंने मरीजों और मरीजों के परिजनों के लिए खाना खिलाने का काम शुरू कर दिया था. पार्थ कर चौधरी रोजाना तीन बार दिन में समय निकालकर मरीजों के परिजनों को फ्री में खाना खिलाने का कार्य करते हैं और ऑटो रिक्शा चलाकर मरीजों के खाने की व्यवस्था करते हैं.
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