8 सितंबर 2022 को ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का निधन स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल में हो गया. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय जाते जाते अपने पीछे अरबों की संपत्ति छोड़ गई हैं. बताया जा रहा है कि 4 हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति छोड़कर चली गई है. हालांकि महारानी एलिजाबेथ की विरासत और पूरी संपत्ति को लेकर अब तक कोई स्पष्टता पता नहीं है. क्योंकि कई अलग-अलग रिपोर्ट के मुताबिक उनकी विरासत और संपत्ति को अलग-अलग बताई गई है.
इस सिलसिले में Fortune ने एक रिपोर्ट निकाली थी जिसमें बताया था कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पास लगभग 500 मिलियन डॉलर की संपत्ति है. लगभग 4 हजार करोड़ रुपए अपने पीछे छोड़ कर गई हैं. अब मन में यह सवाल जरूर होता होगा की महारानी को इनकम किस तरह होता होगा. आपको बता दें कि महारानी को टैक्सपेयर फंड के द्वारा इनकम दी जाती थी. जिसे सॉवरेन ग्रांट कहा जाता है. इस सिस्टम के द्वारा ब्रिटिश शाही परिवार को सालाना भुगतान मिलता है. किंग जॉर्ज द्वितीय के समय से ही इस ग्रांट को शुरू किया गया था.
किंग जॉर्ज द्वितीय द्वारा उठाया गया कदम खुद के और आगे की पीढ़ियों के लिए फंडिंग व्यवस्था का इंतजाम किया था जो आज भी चल रहा है. आपको बता दें कि इस एग्रीमेंट को सिविल लिस्ट के नाम से जाना जाता था लेकिन साल 2012 में इस नाम को बदलकर सॉवरेन ग्रांट कर दिया गया. सॉवरेन ग्रांट की कुल राशि साल 2021 और 2022 के अनुसार 86 मिलीयन पाउंड यानी कि 795 करोड़ रुपए तय की गई थी. यह पैसा संपत्ति की रखरखाव, रानी के घर बकिंघम पैलेस के रखरखाव तथा अधिकारिक यात्रा में इस्तेमाल किया जाता है.
फोर्ब्स के मुताबिक 2021 तक शाही परिवार के पास 28 बिलियन डॉलर की कुल अचल संपत्ति मौजूद थी. जिसे बेचा नहीं जा सकता. इसके अलावा महारानी ने अपने निवेश कला संग्रह, गहने और रियल एस्टेट होल्डिंग्स से लगभग 4 हजार करोड़ से अधिक की रकम जमा की थी. जिसमें सैंड्रिंघम हाउस तथा बाल्मोरल कैसल शामिल है. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु के बाद उनकी अधिकतर संपत्ति चार्ल्स तृतीय को सौंप दी जाएगी.
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