जीरकपुर निवासी का रहने वाला अर्पित ने नीट के एग्जाम में 720 नंबरों में से 710 नंबर लाकर पूरे पंजाब में टॉप कर चुके हैं. नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट 2022 में अर्पित ने 710 नंबर लाकर अपने परिवार वालों के बीच खुशियां बिखेर दी है. अर्पित का कहना है कि उन्होंने पढ़ाई को लेकर कभी भी अपने ऊपर तनाव को हावी नहीं होने दिया. इन्होंने अपनी कामयाबी का स्राव अपनी मां प्रीति नारंग को देते हुए अर्पित ने कहा है कि पिता के मौत के बाद मां ने मुझे कभी भी पिता की कमी महसूस नहीं होने दिया.
अर्पित का कहना है कि यह सब मेरी मां के वजह से हुआ है. क्योंकि पिता के गुजर जाने के बाद मेरी कैरियर को बनाने के लिए मां ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और जब मां नौकरी से शाम घर आती तो वह मेरे साथ बैडमिंटन खेला करती थी. इससे मेरा दिन भर का पढ़ाई के कारण हुई स्ट्रेस को खत्म करने में काफी मददगार साबित होती थी. अपनी पढ़ाई को लेकर अर्पित ने बताया है कि साल 2020 में पढ़ाई ऑनलाइन हो जाने के बाद क्लास 8:00 बजे से प्रारंभ होता और लगातार दोपहर 1:00 से 2:00 बजे तक चलता. क्लास के बाद भी 5 से 6 घंटे तक पढ़ाई करते थे.
बातचीत के दौरान अर्पित ने बताया कि साइंस ओलंपियाड और मैथमेटिक्स ओलंपियाड में वह तीन बार गोल्ड मेडलिस्ट रह चुके हैं. अर्पित को चेस खेलना काफी पसंद है इन्होंने चैस खेलना अपने दादा जी से सीखा है. चेस खेलने का यह फायदा हुआ कि अर्पित कभी भी अपने ऊपर तनाव को हावी नहीं होने देता. डॉक्टर बनने की ख्वाहिश रखने वाले अर्पित ने दसवीं कक्षा में ही एक गंभीर बीमारी होने के कारण अपने पिता को खो दिया. लेकिन अपने पिता के जाने के बाद अर्पित ने इस सदमे को कभी भी अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया. बल्कि इसे एक चैलेंज के रूप में लिया.
प्रीति की मां एक फार्मा कंपनी में कार्यरत है. इसलिए अर्पित को डॉक्टरी लाइन से बचपन से ही काफी लगाव था. अर्पित फार्म हाउस में जाकर हमेशा डॉक्टरों से बातचीत किया करता था. इसी बीच अर्पित को धीरे-धीरे डॉक्टरों की लाइन से गहरा लगाव होता चला गया. डॉक्टर बनने की प्रेरणा यहीं से शुरू हुआ. उसके बाद अर्पित ने नीट की तैयारी शुरू कर दी. अपनी मेहनत और लगन की बुनियाद पर आज वह पंजाब टॉपर तथा ऑल इंडिया रैंक में सातवां रैंक प्राप्त किया.
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