बिहार के रहने वाले सुप्रभात वत्स ने सिर्फ 21 वर्ष की उम्र में आज जो सफलता हासिल हासिल किए हैं इस सफलता को हासिल करने के लिए कईयों की उम्र गुजर जाती है. सुप्रभात ने अपनी काबिलियत के दम पर आज काफी कम समय में बड़ी सफलता हासिल कर चुके हैं. इस उम्र में सुप्रभात गूगल इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट बन चुके हैं. इस सफलता से बिहार के लाल ने एक बार फिर से बड़ी कामयाबी हासिल करके दिखा दिया है. 28 अगस्त 2022 को इन्होंने हरियाणा के गुरुग्राम में स्थित गूगल कार्यालय में अपना योगदान दिया है.
सुप्रभात का कहना है कि मेरी इस सफलता के बाद कई और जगहों से भी ऑफर आने लगे हैं. गूगल इंडिया में सिलेक्शन होने के बाद सुप्रभात का डिमांड काफी बढ़ गया है. इस सफलता के बाद उन्हें अमेरिका के तीन यूनिवर्सिटीज से ऑफर मिल चुका है. ऑक्सफोर्ड, होवार्ड और स्टैनफोर्ड ने कंप्यूटर साइंस में पीएचडी के लिए फुल छात्रवृत्ति देने कि घोषणा कर चुकी है. इसके अलावा सभी यूनिवर्सिटी ने सुप्रभात के लिए इस अवधि के दौरान वेतन देने की भी प्रस्तावना रखी है. लेकिन सुप्रभात का कहना है कि वह विदेशों में नहीं बल्कि अपने देश के लिए काम करेंगे.
सुप्रभात पढ़ने में बचपन से ही कुशल थे. इन्होंने देश के लिए साइबर की दुनिया में काफी मेहनत किया है. कंप्यूटर साइंस के उन 17 विषयों पर इन्होंने काफी गहराई से अध्ययन किया है जिससे देश की साइबर सुरक्षा के तहत इस पर काम किया जा सके. इसके अलावा वह सभी अध्ययन देश के लिए साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में काफी अहम भूमिका निभाता है. सुप्रभात देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित है.
गौरतलब है कि विदेशों से आए लाखों करोड़ों का ऑफर ठुकरा कर सिर्फ अपने देश के लिए काम करना चाहते हैं. हालांकि वह इससे पहले कई कंपनियों में काम कर चुके हैं. जैसे टीसीएस, इंफोसिस, एक्सेंचर तथा जेपी मॉर्गन सहित कई अन्य आईटी कंपनियों में काम कर चुके हैं. इतने सारे आईटी कंपनियों में काम करने के बाद सुप्रभात को इस क्षेत्र में काफी अनुभव हो चुका है.
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