Mauni Amavasya: माघ मास का शास्त्रों और पुराणों में बहुत खास महत्व है। माघ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी या माघी अमावस्या कहा जाता है। कहते है कि मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है और मौन व्रत धारण करके ईश्वर का ध्यान किया जाता है जिसके कि, मुनि पद की प्राप्ति होती है, दान और पुण्य करना बहुत शुभ माना जाता है, इस बार इस दिन ग्रह-नक्षत्रों की ऐसी दशा बन रही है, श्रवण नक्षत्र होने से महोदया योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इन शुभ योग में दान-पुण्य के कार्य करने और अपने पितरों की पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र बताते है कि जिन लोगों पर पितृ दोष होता है,उनके शुभ कार्यों में अचानक बाधाएं आने लगती हैं और परिवार में सुख, शांति का अभाव रहता है साथ ही वंश वृद्धि में भी बाधाये आती है।
पर कुछ खास उपायों से पितृदोष शांत किया जा सकता है आइए जानते है उन उपायों के बारे में
ऐसे करे पितृ पूजन
- अगर आप पितृ दोष से मुक्ति पाना चाहते है तो उसके लिए आपको मौनी अमावस्या के दिन पितरों का ध्यान करते हुए सूर्य देव को जल अर्पित करना होगा।
- पितृ दोष निवारण के लिए एक लोटे में जल लें और इसमें लाल फूल और काले तिल डाल कर पितरों की शांति की प्रार्थना करते हुए वह जल सूर्य देव को अर्पित कर दे।
- पितृ दोष निवारण के लिए पीपल के पेड़ पर सफेद रंग की कोई मिठाई चढ़ाएं और उस पेड़ की 108 बार परिक्रमा करें।
- आप यह भी कर सकते है कि मौनी अमावस्या के दिन जरूरतमंद लोगो को तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, कंबल और वस्त्र आदि चीजें जरूर दान करे।
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वास्तु के अनुसार पितृ दोष निवारण
पितृ दोष का निवारण के लिए आप वास्तु के अनुसार भी कुछ खास प्रयोग कर सकते हैं।मौनी अमावस्या के दिन घर की दक्षिण दिशा की तरफ सफेद कपड़े पर थोड़े से तिल रख लें और उसके ऊपर पीतल या तांबे का एक पितृ यंत्र स्थापित करे,फिर इसके बाईं तरफ पितरों के लिए तिल के तेल का एक दीपक जला कर रख लें फिर जल से भरा एक स्टील का लोटा रखे, इसके ऊपर स्टील की प्लेट और उस पर तिल लगी एक रोटी रखें और रोटी के ऊपर तुलसी का एक पत्ता रखें,और एक सफेद फूल चढ़ाएं,चंदन से तिलक करें।अब इस रोटी के चार भाग करे और एक कुत्ते को खिलाएं, दूसरा टुकड़ा गाय को खिलाएं, तीसरा टुकड़ा कोवै को खिलाएं और चौथा टुकड़ा पीपल के पेड़ के नीचे रख दे।
याद रखें कि ये अनुष्ठान करते वक्त आपको मौन रहना होगा।