उत्तराखंड हमारे देश भारत का एक ऐसा राज्य है, जो देवभूमि के नाम से जाना जाता है. आपको बता दें कि उत्तराखंड को देवभूमि इसलिए भी कहा जाता है, क्योंकि यहां भगवान शिव के अवतार का एक अंग मौजूद है. केदारनाथ भी देवभूमि में ही आता है यहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु माथा टेकने आते हैं. भगवान शिव को कई अलग-अलग नामों से जाना जाता है. भोलेनाथ, शिव शंभू ,शंकर इत्यादि सभी भगवान शिव के नाम हैं. ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव बड़ी आसानी के साथ मान जाते हैं. लेकिन जितनी आसानी से शिव भगवान मान जाते हैं, उतना ही खतरनाक उनका गुस्सा होता है.
यह बात हम सब जानते हैं कि, उत्तराखंड में हजारों गुफा है. कई गुफा ऐसे हैं जो अपने आप में कई रहस्यमई कहानियों को दबाए हुए हैं. तो वहीं कई गुफा ऐसे है, जो कलयुग के बारे में सारी बातें बताते हैं. ऐसे ही आज हम आपको एक गुफा के बारे में बताएंगे, जिस गुफा के अंदर पाताल भुवनेश्वर मंदिर स्थित है. पाताल भुवनेश्वर मंदिर भारत का सबसे रहस्यमई मंदिर के रूप में माना जाता है.
आपको जानकर हैरानी होगी कि, उत्तराखंड का पाताल भुवनेश्वर मंदिर एक ऐसा मंदिर है, जो यह दुनिया के खत्म होने के बारे में बताता है. इस मंदिर की एक और खास बात यह है कि यह जमीन से लगभग 90 फीट अंदर बसा हुआ है. इस मंदिर में जाने के लिए पतले-पतले गुफाओं से होकर गुजरना पड़ता है. ऐसा माना जाता है कि, इस मंदिर में भगवान गणेश का कटा हुआ सिर भी विराजमान है.
पाताल भुवनेश्वर मंदिर की सबसे खास बात के बारे में बात करें, तो यहां एक शिवलिंग है. यह शिवलिंग लगातार बढ़ता रहता है. ऐसा माना जाता है कि जब यह शिवलिंग बढ़ते हुए गुफा की छत को छू जाएगी, तब कलयुग का अंत हो जाएगा.कुछ लोग ऐसे हैं जो ना केवल भारत में बल्कि विदेशों से भी इस शिवलिंग को देखने जाते हैं.
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