कुछ कर गुजरने का जजबा ही इंसान को सफलता के करीब ले जाता है और कुछ कर गुजरने की सोच रखने वाले लोगों को अपनी मंजिल पाने से कोई रोक नहीं सकता है। इस कथन को सही साबित कर दिखाया है कल्याण सिंह मौर्या नाम के इस शक्स ने। दरअसल, कल्याण सिंह मौर्या ने सफलता की एक ऐसी मिसाल पेश की है जिसको देखने के बाद हर कोई इनकी तारीफ कर रहा है।
बता दें कि कल्याण सिंह मौर्या के पिता का नाम जवाहर लाल है और यह पेशे से एक ड्राइवर है। कल्याण के पिता बहराइच के डीएम के यहां ड्राइवर की नौकरी करते हैं और अब इनका बेटा कल्याण सिंह मौर्या खुद एकवPCS अधिकारी बन गए हैं। कल्याण के बड़े भाई का नाम संजय सिंह मौर्या है और यह एक इंजीनियर हैं। फिलहाल कल्याण के बड़े भाई संजय सिंह मौर्या एक मल्टीनेशनल कम्पनी में चीफ इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं।
कल्याण सिंह मौर्या की शुरूआती पढ़ाई की बात करें तो बहराइच में सेंवेंथ एडवेंटिस्ट कॉलेज से 12वीं तक की पढ़ाई करने के बाद BHU से B.sc. की पढ़ाई की और इसके बाद कल्याण ने IIT दिल्ली से M.sc. की पढ़ाई पुरी की है। इसके बाद कल्याण सिंह मौर्या ने सीविल परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी और फिलहाल कल्याण UPPCS की परीक्षा में 40वां रैंक लाकर NTPC सोलापुर महाराष्ट्र में सहायक प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं।
बेटे के PCS अधिकारी बनने के बाद जब इनके पिता से मीडिया ने इनके इस सफलता के बारे में बात कि तो इनके पिता ने बताया कि कल्याण की इस सफलता में इनकी मां का बहुत बड़ा योगदान है। पिता ने कहा कि मुझे अपने काम से इतना ज्यादा समय नहीं मिल पाता था कि मैं इन लोगों का उतना ज्यादा ख्याल रख सकूं। हालांकि, मेरी कमी को इनकी मां ने पुरा कर दिया था। लेकिन वह इनकी सफलता देख नहीं सकी। बता दें कि कल्याण सिंह मौर्या की मां का निधन आज से लगभग 5 साल पहले ही हो गया था।
गौरतलब है कि कल्याण एक IAS अधिकारी बनना चाहते थे लेकिन UPSC की परीक्षा में मात्र 5 नंबर से इन्हें असफलता मिल गई। हालांकि, कल्याण सिंह मौर्या का कहना है कि वह एक PCS अधिकारी के पद पर कार्य करते हुए फिर से UPSC की परीक्षा देगें। कल्याण के इस सफलता से ना सिर्फ इनके परिवार के लोग बल्कि इनका पुरा गांव इस समय खुश नज़र आ रहा है।
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