खेल के मैदान में खेल के दौरान कई बार खिलाड़ी काफी जोश में आ जाते हैं. कई बार ऐसा होता है कि खिलाड़ी इतने जोश में आ जाते हैं कि, वह अंपायर के फैसले पर नाखुश हो जाते हैं. अंपायर के द्वारा दिए गए फैसले पर नाखुश होने के बाद खिलाड़ी अंपायर से बहस करने लग जाते हैं. क्रिकेट के मैच में ऐसा कई बार देखा जा चुका है कि, किसी टीम के कप्तान ने अंपायर से बहस की हो. लेकिन जब मैच बड़े स्तर पर होती है तो टीम के खिलाड़ी या फिर टीम के कप्तान अंपायर से केवल बहस करते हैं. लेकिन जब यही मैच छोटे स्तर पर होती है तो अंपायर को जान का खतरा भी बना रहता है.
पूरे भारत में इन दिनों इंडियन प्रीमियर लीग का जश्न मनाया जा रहा है. इंडियन प्रीमियर लीग एक ऐसा टूर्नामेंट है, जिसे भारत में काफी पसंद किया जाता है. जहां एक तरफ लोग आईपीएल के मैच का आनंद ले रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उड़ीसा के एक छोटे से गांव में अंपायर की हत्या कर दी गई. जी हां अंपायर की हत्या केवल इस वजह से कर दी गई, क्योंकि उस अंपायर ने क्रिकेट मैच के दौरान एक गलत फैसला दे दिया था.
ओडिशा में शंकरपुर और बेहरामपुर के अंडर-18 टीम्स मैच खेल रही थी. जिसमें अंपायरिंग करने वाले व्यक्ति का नाम लकी रावत था. मैच के दौरान एक डिलीवरी को अंपायर ने नो बॉल करार दे दिया था. जिसके बाद अंपायर एवं विपक्ष खिलाड़ी के बीच बहस होने लगा बहस के बाद विपक्ष के खिलाड़ी ने अपने भाई मुन्ना रावत को बुला लिया. जैसे ही मुन्ना रावत मैदान पर पहुंचा वह अंपायर को पीटने लगा.
आपको जानकर हैरानी होगी कि, नो बोल देने की वजह से मुन्ना रावत अंपायर को पीटने लगा. अंपायर को बुरी तरह पीटने के बाद मुन्ना रावत ने चाकू निकालकर उस अंपायर के पेट में घोंप डाला. जिसके कुछ क्षणों के बाद इंसान की मृत्यु हो गई. अंपायर के मृत्यु के बाद मुन्ना रावत फिलहाल फरार है, लेकिन पुलिस मुन्ना की छानबीन कर रही है.
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