बचपन से हम सुनते आ रहे हैं कि पेड़ एवं पौधों में ही जान होती है. हालांकि यह बात केवल किताबों में ही पाई जाती है, कभी भी पौधों का आवाज सुनाई नहीं दिया है. लेकिन आजकल के वैज्ञानिकों ने पौधों के रोने की आवाज भी रिकॉर्ड कर लिए हैं. भले कोई व्यक्ति पौधों के रोने एवं चीखने का आवाज ना सुना हो, लेकिन मशीनों ने पौधों के रोने एवं सीखने का आवाज सुन लिया है. आज हम आपको इस खबर के बारे में विस्तार से बताएंगे.
हाल ही में इजरायल के कुछ वैज्ञानिकों ने पौधों के ऊपर रिसर्च किए हैं. रिसर्च के बाद जो परिणाम सामने आया वह बेहद चौंकाने वाला है. परिणाम को जाने के बाद खुद कई वैज्ञानिकों ने इस पर भरोसा नहीं किया, लेकिन यह बिल्कुल सच था. इजरायल की राजधानी तेल अवीव यूनिवर्सिटी में काम करने वाली बायोलॉजिस्ट लिलेक हेडेनी कहती हैं कि, “पौधे, दूसरे पौधों से ही नहीं बल्कि दूसरे जीवों से भी कम्यूनिकेट करते हैं. ऐसा करते वक़्त उनसे एक केमिकल निकलता है, इस दौरान उनसे मक्खियों के भिनभिनाने जैसी आवाज आती है. लेकिन जब इन आवाजों पर रिसर्च करके इन्हें डिटेक्ट करने की बात आती है तो इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिलती. पौधों की आवाजों से जुड़े इस सवाल को लेकर मैं परेशान थी.”
उन्होंने अपनी बातों को जारी रखते हुए आगे कहा कि, “हमने जो रिकॉर्डिंग्स कीं, उनसे साफ हुआ कि एक्सपेरिमेंट में पौधों ने 40 से 80 किलोहर्ट्ज़ तक की की फ्रीक्वेंसी की आवाजें पैदा कीं. जिन पौधों को कोई दिक्कत नहीं थी उन्होंने औसतन एक घंटे में एक से भी कम बार आवाज की. जबकि जिन पौधों को दिक्कत थी उन्होंने हर एक घंटे में 12 बार तक आवाजें पैदा कीं.”
आपको बताते चलें कि जैसे ही है रिसर्च पूरे दुनिया में आया लोग इसके बारे में बातें करने लगे.श्रकई लोगों ने यह भी कहा कि अगर कोई पेड़ को काटता है, तो पेड़ की रोने की आवाज काफी दूर तक जाती है. लेकिन यह आम इंसानों को सुनाई नहीं देता. तो वहीं कुछ वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि, अगर कोई इंसान किसी पेड़ या पौधे को काटता है तो उससे आंसू भी निकलते हैं.
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