बिहार हमारे देश भारत का एक ऐसा राज्य है, जिसके बारे में ऐसा माना जाता है कि यहां के छात्र सिविल सर्विस की परीक्षा में काफी अच्छा प्रदर्शन करते हैं. यही नहीं बल्कि एक सर्वे की मानें तो भारत को सबसे ज्यादा आईएएस अधिकारी एवं आईपीएस अधिकारी देने वाला राज्य बिहार है. आपको बता दें कि बिहार के छात्र पढ़ाई के मामले में काफी कठिन मेहनत करते हैं. यही कारण है कि ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जहां बिहार के छात्रों ने अपना दबदबा नाम बनाया हो. ऐसे ही आज हम आपको एक बिहारी छात्र के बारे में बताएंगे, जिन्होंने कड़ी परिस्थितियों का सामना करके आईएएस अधिकारी बनने का सपना पूरा किया.
यूपीएससी की परीक्षा को भारत का सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है. आपको बता दें कि इस परीक्षा की तैयारी हर साल लाखों लोग करते हैं, लेकिन कुछ हजार छात्र ही इस परीक्षा में कामयाबी हासिल कर पाते हैं. बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले विशाल कुमार एक ऐसा नाम है, जिन्होंने अपने जीवन की कड़ी परिस्थितियों का सामना करते हुए यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा में सफलता हासिल किया था.
विशाल कुमार की निजी जिंदगी के बारे में बात करें, तो उनके पिता मजदूरी का काम किया करते थे. लेकिन साल 2008 में जब विशाल अपनी 12वीं कक्षा में थे, तब उनके पिता की मृत्यु हो गई थी. पिता की मृत्यु होने के बाद घर की सारी जिम्मेदारी विशाल के ऊपर आ गई. लेकिन विशाल की मां अपने बेटे को पढ़ाना चाहती थी. यही कारण है कि विशाल की मां ने पशुपालन करने का फैसला किया. वह पशु पालन करके अपना और अपने बेटे का पेट पालती और विशाल के पढ़ाई का खर्च भी उठाती.
इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद विशाल कुमार इंजीनियरिंग की पढ़ाई पढ़ने के लिए आईआईटी कानपुर आ गए. उन्होंने आईआईटी कानपुर से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरा किया. जिसके बाद यूपीएससी की तैयारी करने लगे. आपको बता दें कि उन्होंने कड़ी मेहनत करके यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा में कामयाबी हासिल किया. यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करते हुए विशाल कुमार ने 484वां रैंक लाकर आईएएस अधिकारी बन गए.
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