भारत में 8 मार्च 2023 यानी बुधवार को धूमधाम से होली का त्यौहार मनाया जा रहा है. आपको बता दें कि जब भी भारत में होली का त्यौहार का नाम आता है, तो ऐसे में प्रह्लाद और होलिका का नाम जरूर आता है. लोगों का ऐसा मानना है कि होली का त्यौहार प्रह्लाद और होलिका की वजह से मनाया जाता है. लेकिन केवल यही कारण नहीं है होली का त्यौहार मनाने का. होली का त्यौहार मनाने के पीछे का कई और कारण है. जिसके बारे में आज हम आपको विस्तार से बताएंगे. यही नहीं बल्कि आज हम आपको यह भी बताएंगे कि, भारतवर्ष में होली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है ,और इसके पीछे का क्या कारण है.
भविष्य पुराण के मुताबिक, एक दिन युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण से पूछा, ‘हर साल फाल्गुन पूर्णिमा पर सभी लोग त्योहार क्यों मनाते हैं? होलिका क्यों जलाते हैं? इस उत्सव की शुरुआत किस वजह से हुई है?’ श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया, ‘होली की शुरुआत सतयुग से हुई है. उस समय रघु नाम के एक राजा और ढोंढा नाम की राक्षसी थी. ढोंढा छोटे बच्चों को मारकर खा जाती थी. वह बहुत ताकतवर थी, क्योंकि उसे शिव जी से वरदान मिला हुआ था.
आपको बता दें कि ढोंढा राक्षसी जब शिवजी का वरदान मिला था, तब वह काफी ताकतवर हो गई थी. इसके बाद वह बच्चों को जहां भी देखती वह उन्हें खा जाती थी. लेकिन राजा रघु ढोंढा राक्षसी को मारना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने एक बार सभी बच्चों को इकट्ठा किया और बीच में आग लगा दी. बीच में आग लगाने के बाद सभी बच्चे उस आग के चारों तरफ घूमने लगे. जैसे ही यह प्रक्रिया हुई ढोंढा राक्षसी की शक्ति धीरे-धीरे खत्म होने लगी.
जैसे ही ढोंढा राक्षसी की पूरी शक्ति खत्म हो गई, राजा रघु ने बच्चों को रंग और गुलाल दि. ए उन्होंने बच्चों से यह भी कहा कि रंग और गुलाल एक दूसरे पर लगाकर वह होली का त्यौहार मना सकते हैं. जिसके बाद बच्चों ने एक दूसरे के ऊपर रंग और गुलाल लगाकर धूमधाम से होली का त्यौहार मनाया, और इस तरह भारतवर्ष में पहली बार होली का त्यौहार मनाया गया.
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