गरीबी एक ऐसा शब्द है जिसके कारण कई लोग अपने सपनों को साकार नहीं कर पाते हैं. लेकिन हमारे देश में कई लोग ऐसे भी हैं ,जो गरीबी को अपने सपने को साकार करने का हथियार बना लेते हैं. गरीबी उन लोगों को उनके सपनों से मिलने से नहीं रोक पाता. ऐसे ही आज हम आपको एक गांव के गरीब परिवार के बारे में बताएंगे. आपको बता दें कि यह परिवार इतना गरीब है कि अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा भी प्रदान नहीं कर पाता, लेकिन इसके बावजूद भी इस परिवार की बेटी ने वह कर दिखाया जो, किसी के लिए सपना हो सकता है.
पिता ने टेम्पो चलाकर अपनी बेटी को पढ़ाया
आपको बता दें कि राजस्थान के झालावाड़ जिले के पचपहाड़ नामक एक छोटे से गांव के रहने वाले ईसामुद्दीन ने दिन-रात कड़ी मेहनत करके अपनी बेटी को पढ़ाया. हम जिस लड़की के बारे में बात कर रहे हैं उस लड़की का नाम राजिया है. जिसने साल 2022 के नीट की परीक्षा में 668 रैंक लाकर ना केवल अपने परिवार वालों का बल्कि अपने गांव का भी नाम रोशन किया है. मालूम हो कि जब नाजिया ने 12वीं की परीक्षा दी थी, तब किसी ने सोचा नहीं था कि वह नीट जैसे कठिन परीक्षा को पास कर लेगी.
मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में नाजिया के माता-पिता कहते हैं कि, नाजिया शुरु से ही पढ़ने में काफी अच्छी थी. यही कारण था कि उसने मैट्रिक की परीक्षा के बाद साइंस लेने का फैसला किया. हालांकि साइंस लेना इस परिवार वालों के बस में नहीं था, क्योंकि साइंस की पढ़ाई पढ़ाने में काफी खर्च होता है. लेकिन इसके बावजूद भी नाजिया के माता पिता ने अपनी बेटी का पूरा समर्थन किया और उसे पढ़ाया. आपको बता दें कि नाजिया के पिता टेंपो चलाते हैं, तो वहीं नाजिया की माँ खेतों में काम करती हैं.
नीट की परीक्षा में 668 रैंक लाने के बाद नाजिया अब डॉक्टर बनने जा रही है, लेकिन हैरानी वाली बात यह है कि, नाजिया जिस गांव की रहने वाली है, उस गांव की कोई भी लड़का या फिर कोई भी लड़की आज तक डॉक्टर नहीं बनी है. नाजिया ऐसी पहली लड़की होगी जो डॉक्टर बनेगी. जिसके बाद पूरे गांव में खुशी का माहौल है. नाजिया के परिवार वाले नाजिया को बधाई देने दूर-दूर से आ रहे हैं.
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