रवि किशन भोजपुरी इंडस्ट्री के काफी मशहूर अभिनेता के रूप में जाने जाते हैं. सिर्फ भोजपुरी इंडस्ट्री ही नहीं बल्कि इन्होंने अपनी मेहनत के दम पर बॉलीवुड तक के सफर तय किया है. बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में भी इन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम किया है. जिसे लोगों ने इनकी एक्टिंग को काफी सराहना की है. यही वजह है कि रवि किशन आज अपनी पहचान के लिए किसी दूसरे की मोहताज नहीं हैं. लेकिन रवि किशन को एकाएक यह सफलता नहीं मिली. बल्कि इसके लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया है. आइए जानते हैं कैसे इन्होंने एक आम इंसान से बॉलीवुड से लेकर संसद तक का सफर तय किया है.
शायद बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि रवि किशन का असली नाम रविंद्रनाथ शुक्ला है. वह उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. इन्हीं बचपन से ही अभिनेता बनने का शौक था. इसलिए वह बचपन में रामलीला में सीता का किरदार निभाया करते थे. एक इंटरव्यू के दौरान रवि किशन ने बताया था कि इस अभिनय के लिए उनकी मां का सबसे बड़ा हाथ है. क्योंकि उस समय जब मेरे पास पैसे नहीं थे तब मां ने मुझे जमा किए हुए पैसे दिए थे जिससे उन्हें मुंबई आने में आसानी हुई. लेकिन मुंबई पहुंच कर इन्हें पता चला कि यहां काम मिलना इतना आसान काम नहीं है. कुछ ही दिनों में उनके पास पैसे खत्म हो गए. इसलिए उन्होंने मुंबई में ही कई जगह जॉब भी किए.
रवि किशन बताते हैं कि मुंबई में उनकी स्थिति काफी खराब हो चुकी थी. क्योंकि जब काम नहीं मिलते थे तब उन्हें भूखे पेट सोना पड़ता था. लेकिन अभिनेता बनना उनके मां का सपना था. यही वजह थी कि रवि किशन ने हार नहीं मानी और मेहनत करते चले गए. आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और काफी मशक्कत के बाद उन्हें फिल्म पितांबर में काम करने का मौका मिला. इस फिल्म से जो पैसे उन्हें मिले थे उससे उन्होंने अपने पिता का कर्ज चुकाने में चला गया. इसके बाद फिल्म इंडस्ट्री रवि किशन का दीवाना हो गया और लगातार कई फिल्मों में इन्हें काम करने का अवसर प्रदान हुआ. देखते ही देखते वह भोजपुरी के सुपरस्टार बन गए.
आपको बता दें कि भोजपुरी के अलावा इन्होंने बॉलीवुड, तमिल, कन्नड़ और तेलुगू सिनेमा में भी काम किया है. इसके बाद उन्होंने राजनीति में भी अपना दांव आजमाया. साल 2014 में इन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन किया लेकिन वहां उन्हें सफलता नहीं मिली. उसके बाद इन्होंने कांग्रेस को छोड़ 2019 में बीजेपी का दामन थामा. जहां इन्हें गोरखपुर से चुनाव लड़ने का मौका मिला और जीत भी हासिल की.
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