आज हम बात करने जा रहे हैं, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विकास कार्यों को नयी दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमि का निभाने वाले श्री विजय बहादुर यादव अध्यक्ष ज़िला पंचायत लखनऊ जी के बारे में। साल 2010 आज तक जिला पंचायत सदस्य के रूप में फिर वर्ष 2013 से 2021 तक जिला पंचायत अध्यक्ष लखनऊ के पद पर कार्यगत रहे कर विकास कार्य करते रहे
लखनऊ जिला पंचायत अध्यक्ष के अपने कार्यकाल में न विकास के क्षेत्र में, बल्कि सामाजि क क्षेत्र में भी एक अलग मुकाम हासिल कर श्री यादव जी ने साबित कर दिया की यदि आप मे समाज सेवा का जज़्बा और विकास की लगन हो, तो आपको अपने लोगों के बीच अलग पहचान बनाने से कोई नहीं रोक सकता। यही कारण है कि जनता की सेवा करने के संकल्प और दृढ निश्चय द्वारा सच्चे सेवक और एक सच्चे नेता का उदाहरण पेश करने वाले श्री विजय बहादुर यादव जी को जनता हार्ट ऑफ़ लखनऊ के नाम से बुलाती है
वास्तविक नाम | विजय बहादुर यादव ( Vijay bahadur yadav ) |
उपनाम | विजय |
पेशा | भारतीय राजनीतिज्ञ |
राजनीतिक यात्रा | जिला पंचायत सदस्य लखनऊ 2010 – 2020 – जिला पंचायत अध्यक्ष लखनऊ 2013- 2020 |
लंबाई (लगभग) | सेमी – 170 मीटर – 1.70 फीट इंच – 5′ 7 |
वज़न | 72 किग्रा |
आँखों का रंग | भूरा |
बालों का रंग | काला |
ब्लड ग्रुप | o+ |
जन्म की तारीख | 30 नवंबर 1969 |
जन्म स्थान | गोमती नगर लखनऊ, उत्तर प्रदेश |
राशि | कुंभ राशि |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | लखनऊ, उत्तर प्रदेश |
प्रथम प्रवेश | 2010 |
परिवार | पिता– रूप चन्द यादव मां – आशा यादव |
धर्म | हिंदू |
जाति | यादव |
पता | गोमती नगर लखनऊ, उत्तर प्रदेश |
शौक | |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
शादी की तारीख | |
पत्नी | माया यादव (राजनीतिज्ञ) |
संतान | हर्ष यादव – विशेष यादव |
आय | ज्ञात नहीं है |
संपत्ति | ज्ञात नहीं है |
विजय बहादुर यादव जी की शुरूआती ज़िन्दगी :
श्री विजय बहादुर का जन्म 30 नवम्बर, 1969 को लखनऊ के गोमती नगर क्षेत्र में हुआ। सामान्य परिवार में जन्में श्री विजय बहादुर यादव जी ( vijay bahadur yadav) बचपन से ही कुछ अलग कर गुजरने की चाह रखते थे। शायद यही कारण था की बचपन से ही पढ़ाई से ज्यादा समाज सेवा की ओर इनका रुझान रहा। यही रुझान आगे चलकर उन्हें जमीन से जुड़े नेता के रूप में स्थापित करने में सफल रहा ।
बाल्यावस्था से ही नेता जी ने वह दौर देखा जहां समाज में अनेक मुद्दे भले ही जात पात का हो, भले ही धर्म का हो या फिर विकास कार्यों को हो, समय समय पर उछाले जाते रहे। इसी का परिणाम था की बचपन से ही उन्होंने जैसे ठान लिया कि कुछ भी हो, समाज की इस व्यवस्था के इतर पूरा काम विकास कार्यों पर ही केंद्रित करना है। बस फिर क्या था, युवावस्था तक आते आते शायद उन्होंने खुद के भविष्य की दिशा चुन ली थी
राजनीति में ऐसे आए विजय बहादुर यादव :
उस समय लखनऊ एक ऐसे शहर के रूप में उभर रहा था जहांन केवल राष्ट्रीय स्तर पर, बल्कि क्षेत्रीय और यहां तक की छात्र राजनीति के क्षेत्र में भी कई छोटे बड़े बदलाव तेज़ी के साथ चल रहे थे। अपने आसपास की इस उथल पुथल और राजनीतिक बदलाव का असर युवावस्था में कदम रखते नेता जी पर भी पड़ा।
कुछ कर गुजरने की चाहतो थी ही, नेताजी निकल पड़े समाज सेवा की दिशा में अपना योगदान देने के लिए। और इसके लिए उन्होंने चुना जनसपर्क का रास्ता । एक ऐसा रास्ता जहां पर खुद की पहचान भी बनानी थी,
लोगों के दिलों में जगह भी बनानी थी और इस सबसे ऊपर लोगों के विकास के लिए कार्य करना था। नेताजी ने इन सभी कामों को बखूबी अंजाम दिया, और जमीन से जुड़े नेता के तौर पर अपनी अलग छाप छोड़ी ।
17–18 साल का एक युवक जिसको राजनीति की इतनी समझ नही थी, समझ थी तो जनसेवा की और मन में था जुनून, समाज सेवा करने का । जैसा कि कहा जाता है– अनुभव ही आपका सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है, इतनी कम उम्र में राजनीति क जीवन में प्रवेश करने वाले नेताजी का अनुभव आज भी उनके द्वारा किये गए विकास कार्यों और युवाओं को निरंतर उनके द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों से साफ़ तौर पर परिलक्षित होता है।
लखनऊ जिला पंचायत अध्यक्ष के अपने कार्यकाल में, सालों तक ज़मीनी तौर पर लोगों से जुड़कर, जनसंवाद कर लोगों की समस्याओं से रूबरू होकर, नेताजी ने उनकी आवाज़ को एक नई दिशा दी। केवल अपने क्षेत्र में ही नही, बल्कि पूरे लखनऊ में श्री यादव ने अपने विकास कार्यों के द्वारा नित नए कीर्ति मान स्थापित किए ।
आयी जान लेते है लोगो की क्या राय
विजय बहादुर यादव ये सिर्फ नाम ही नही बल्कि काम की मिसाल हैं…एक नही दो नही आज हम आपके सामने कई सबूत रखने वाले है… गिनते जाइए नोट करते जाइये फिर आप भी कहेंगे सच्चे विकास पुरूष विजय बहादुर यादव ही हैं
लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र में गांवो का विकास करना विजय बहादुर यादव की ड्रीम योजना थी..जिसे रिकार्ड वक्त में पूरा करके विजय बहादुर यादव जिला पंचायत अध्यक्ष लखनऊ ने साबित कर दिया कि अगर इरादा पक्का हैं तो धरती में मिल का पत्थर गाड़ा जा सकता है भले ही कोई माने या न माने लेकिन गांवो में बनी सड़के, पेयजल की व्यवस्था,जल भराव से मुक्ति लोगो को राहत दे रही हैं विजय बहादुर यादव द्वारा बनाई गई इन सड़कों पर चलकर गाँव के लोग सुखद एहसास कर रहे है।
लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र के गांवो में बनी सड़के याद रखिए सड़क हैं तो रोजगार हैं सड़क हैं तो बाजार खुद आप तक चलकर आ जाते है विजय बहादुर यादव ने इसे समझा और सड़कों का जाल बिछा दिया
1–हमारे क्षेत्र में काफी विकास हुआ है पहले जहाँ हम कच्चे रास्तो पर चलते थे आज हमारे गांव में विजय बहादुर यादव के द्वारा सीसी रोड बनाई गई हैं।
कौशल यादव
स्थानीय निवासी
2-पहले हम लोगो के गांव में जल भराव हो जाता था लेकिन जिला पंचायत की तरफ से नाले का निर्माण कराया गया जिससे जलभराव से निजात मिल गई।
अवदेश रावत
स्थानीय निवासी
3-धर्मिक कार्यो के लिए बड़ी परेशानी होती थी लेकिन हमारे गांव में विजय बहादुर यादव ने टीन शेड बना दिया तो अब कार्यक्रम उसी में होते है।
रामलखन
स्थानीय निवासी
4-पहले हमारे क्षेत्र के धार्मिक स्थल की व्यवस्था सही नही थी विजय बहादुर के द्वारा वहां पर टीन शेड, इंटरलाकिंग लगवाकर पूरे स्थल को परिवर्तित कर दिया गया आज उनका काम हर गली मोहल्ले में दिखता हैं।
नवीन
स्थानीय निवासी
यही कारण है की 10 साल बाद भी नेताजी पर उनकी जनता का विश्वास कायम है और आज भी नेताजी जनता के लिए पहले की तरह ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
नेता जी दुवारा लखनऊ में किया गया विकास कार्य
आपको बता दे जिला पंचायत कार्य क्षेत्र में विजय बहादुर यादव की विकास योजनाएं दो चीजों पर फोकस थी पहला गांवो के अंदर और बाहर के कच्चे मार्गो को सी सी व डामरीकरण करने की जिससे गांव के लोग भी शहर जैसे माहौल को महसूस कर सके दूसरा धार्मिक कार्यों के आयोजन के लिए टीन शेड की व्यवस्था के साथ गांवो को जलभराव से निजात दिलाने के लिए पक्के नालों का निर्माण करना इसके अलावा इसमे गांवो को रोशनीदार बनाने के साथ ही ठंडे शुद्ध पेयजल के लिए वाटर टँकी को भी जोड़ा गया है
यही से बेहतर काम करने वाले अधिकारियों के सम्पर्क में रहे जिससे उनके निर्वाचन क्षेत्र के साथ साथ जिले भर में विकास की नई इबारत लिखी जा सके विजय बहादुर यादव किसी बात की परवाह नही करते ये जो एक बार सोच लेते उसे पूरा करके ही दम लेते है जैसे जैसे इनकी महत्वाकांक्षी योजनाएं सड़क निर्माण,गांवो में पेयजल की व्यवस्था,शादी व्याह के लिए टीन शेड,गलियों में रोशनी के लिए स्ट्रीट लाइटें, जल निकासी के लिए पक्के नालों की व्यवस्था जैसी योजनाएं आकार लेती जा रही इनका आत्मविश्वास बढ़ता जा रहा
लखनऊ शहर के विकास कार्यों में उनके द्वारा दिए गए योगदान का विजय बहादुर यादव लखनऊ है की आज भी लोग उन्हें हार्ट ऑफ़ लखनऊ के नाम से जानते हैं। लखनऊ शहर के कायाकल्प की दिशा में भी श्री यादव ने महत्वपूर्ण कार्य किये। अपने अनुभव और मार्गदर्शन से न केवल जिला पंचायत बल्कि प्रशासन को भी नेताजी ने निरंतर दिशा दिखाकर अपने शहर को चमकाने और विश्वपटल पर लखनऊ के विकास मॉडल को स्थापित करने में कोई कसार नहीं छोड़ी।
आज भी, समाज सेवा के लिए न केवल घर घर जाकर, बल्कि तमाम छोटे बड़े माध्यमों, भले ही सोशल मीडिया हो,टेलीफोन हो या फिर जनसेवा और जनसम्पर्क को प्रोत्साहित करने के लिए कोई नयी तकनीक, नेता जी का प्रयास रहता है की हर संभव तरीके से ज़रूरत के समय वो अपने लोगों के साथ खड़े हो सकें और जितना हो सके, अपने स्तर पर उनकी समस्याओं के निदान के लिए प्रयासरत रह सकें।
समाज और समाज सेवा के लिए अपना पूरा जीवन ही नेता जी ने न केवल अपना जीवन समर्पित कर दिया है , बल्कि उस समाज सेवा को विकास से जोड़कर एक नया उदाहरण भी राजनीति के तमाम नए पुराने सितारों के लिए स्थापित किया है।
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