भारत के एक मशहूर कवि ने कहा है, “कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, लहरों से जो डर जाए तो नौका पार नहीं होती”. वैसे तो यह है एक कविता का बस लाइन है. लेकिन इसे असल जिंदगी में देखें तो किसी भी व्यक्ति को कभी भी हिम्मत नहीं हारना चाहिए. ऐसा एक बार नहीं बल्कि कई बार देखा जा चुका है कि, लोगों ने बिना हिम्मत हारे अपने जीवन में वह सब कुछ हासिल किया, जो उसके लिए एक समय में सपना हुआ करता था. ऐसे ही आज हम आपको एक व्यक्ति के बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने लगभग 10 सालों तक पैसे जमा करके अपने सपने को पूरा किया.
आज हम आपको जिस व्यक्ति के बारे में बताने वाले हैं उस व्यक्ति का नाम उपेन राय है. उपेन हमारे देश भारत के राज्य असम के शहर गुवाहाटी के रहने वाले हैं. आपको बता दें कि वह पेशे से एक दिहाड़ी मजदूर हैं और वह दिहाड़ी मजदूरी करके अपना जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं. यह बात हम सब जानते हैं कि, हमारे देश भारत में दिहाड़ी मजदूरों को बेहद कम पैसे मिलते हैं. लेकिन इसके बावजूद भी उपेन ने अपने सपने को पूरा करने का फैसला किया मालूम हो कि, उपेन का सपना एक स्कूटी खरीदने का था.
यह बात हमें सब जानते हैं कि, स्कूटी की कीमत दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. आज के जमाने में एक स्कूटी की कीमत एक लाख से ऊपर हो गई है. लेकिन उपेन का सपना स्कूटी खरीदने का आज का नहीं बल्कि आज से 10 साल पहले का था. उन्होंने स्कूटी खरीदने के लिए साल 2014 से ही पैसे जमा करना शुरू कर दिया था. मालूम हो कि वह अपने गुल्लक में प्रतिदिन 5 और ₹10 के सिक्के डाला करते थे.
आपको बताते चलें कि पैसे जमा करने के लगभग 10 सालों के बाद उपेन ने जब गुल्लक तोड़ा तो उसके अंदर से डेढ़ लाख रुपए मिले. इतने पैसों को देखकर वह खुशी से नाचने लगे. जिसके बाद उन्होंने अपने सारे सिक्कों को एक थैले में रखकर शोरूम में स्कूटी लेने चले गए. लेकिन शोरूम के मैनेजर ने उन सिक्कों को लेने से मना कर दिया. जिसके बाद शोरूम के मेन मालिक ने उन सिक्कों ले कर उपेन को खुश.
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