बोतल बंद पानी की मशहूर कंपनी बिसलेरी पिछले कुछ दिनों से चर्चा का विषय बनी हुई है. आपको बता दें कि बिसलेरी के चर्चा का विषय बनने के पीछे का सबसे बड़ा कारण यह है कि, ऐसी खबरें आ रही है कि बिसलेरी कंपनी एवं बिकने वाली है. यही नहीं बल्कि बात यहां तक पहुंच गई है कि बिसलरी कंपनी को लेने वाले कोई और नहीं बल्कि टाटा ग्रुप कंपनी है. यह सौदा सात हजार करोड़ में तय हुआ है. हालांकि अभी तक डील पूरी तरह से पूरी नहीं हुई है. वैसे तो बिसलेरी कंपनी लगातार मुनाफे में चल रही थी, लेकिन इसके बावजूद भी इसे बेचा जा रहा है.
बिसलेरी कंपनी के मुनाफे के बारे में बात करें तो बिसलेरी कंपनी ने साल 2020 में 100 करोड़ का मुनाफा कमाया था. तो वहीं साल 2021 में 95 करोड़ का. जिसके बाद साल 2022 में ऐसी उम्मीद की जा रही है कि बिसलरी कंपनी 135 करोड़ का मुनाफा कमा सकती है. जब एक कंपनी लगातार कई सालों से इतने मुनाफे में है, तो फिर आखिर यह कंपनी विकी क्यों रही है. यह बात हर कोई जानना चाहता है. आपको बता दें कि बिसलेरी कंपनी के बेचने के पीछे का सबसे बड़ा कारण इस कंपनी के मालिक रमेश चौहान है.
रमेश चौहान की उम्र के बारे में बात करें तो उनकी उम्र 82 साल हो चुकी हैं. जिसके बाद उन्होंने फैसला किया कि अब वह इस कंपनी को नहीं चला सकते. इस कंपनी को चलाने के लिए उनकी उम्र कुछ ज्यादा हो गई है. जिसके बाद उन्होंने इस कंपनी को बेचने का फैसला किया. जब रमेश चौहान ने बिसलेरी जैसी मशहूर कंपनी को बेचने का फैसला किया, तब कई बड़ी-बड़ी कंपनियों ने इसके लिए बोली लगाई. लेकिन रमेश चौहान ने टाटा ग्रुप से अपनी कंपनी बेचने का फैसला किया. हालांकि अभी तक यह डील पूरी नहीं हुई है.
आपको बताते चलें कि बिसलेरी कंपनी को बेचने से पहले रमेश चौहान ने अपनी बेटी जयंती चौहान को इस कंपनी का मालिक बनाने का फैसला किया था. लेकिन अरबपति रमेश चौहान की एकलौती बेटी जयंती चौहान ने इस कंपनी को लेने से मना कर दिया. खबरों की माने तो जयंती चौहान डिजिटल मार्केटिंग में काफी ज्यादा मशहूर हैं और वह इसी फील्ड में अपना काम करना चाहती हैं. यही कारण है कि उन्होंने सात हजार करोड़ की कंपनी को लेने से मना कर दिया.
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