बॉलीवुड इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता शाहरुख खान की फिल्म ओम शांति ओम का एक डायलॉग,”अगर किसी चीज को पूरी शिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिश में लग जाती है”, दर्शकों द्वारा काफी पसंद किया गया था. वैसे तो यह डायलॉग एक फिल्म का है, लेकिन असल जिंदगी में यह पूरी तरह से सच साबित होता है. असल जिंदगी में अगर कोई इंसान अपने जीवन में कुछ भी करना चाहता है और उसके प्रति उसके हृदय में एक प्रकार का जुनून होता है, तो वह व्यक्ति वह काम जरूर कर लेता है. ऐसे ही आज हम आपको एक होनहार छात्र के बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने काफी कठिन परिस्थितियों का सामना करके अपने जीवन में कुछ कर दिखाया है.
आज हम आपको जिस होनहार छात्र के बारे में बताने वाले हैं, उस छात्र का नाम अनिल डुलगच है. जो भारत के राज्य राजस्थान के झुंझुनू जिले के रहने वाले हैं. जब वह महज 7 साल के थे तब उनके सर से उनके पिता का साया हट गया था. जब उनके पिता की मौत हो गई, तो उस समय उनके बड़े भाई की उम्र 11 साल थी. तो वहीं अनिल डुलगच की उम्र महज 7 साल थी. पिता की मृत्यु के बाद पूरी परिवार के ऊपर जैसे दुखों का पहाड़ टूट गया हो. उनके पूरे परिवार में केवल उनके पिताजी थे, जो घर का खर्च चलाते थे. ऐसे मुश्किल हालात का सामना अनिल की माँ ने बड़ी हिम्मत के साथ किया.
पिता की मृत्यु के बाद अनिल की मां ने घर घर जाकर सफाई करने का काम किया और अपने बच्चों का पालन पोषण किया. पैसों की कमी होने की वजह से अनिल के बड़े भाई ने पढ़ाई छोड़ दी, लेकिन अनिल की माँ ने अनिल को पढ़ाया. उनकी शुरुआती पढ़ाई के बारे में बात करें, तो उन्होंने अपने शुरुआती पढ़ाई अपने गांव के सरकारी स्कूल में किया. इंटरमीडिएट की परीक्षा के बाद उन्होंने इंजीनियर बनने का फैसला किया, जिसके लिए वह एनआईटी कुरुक्षेत्र में एडमिशन ले लिया. यहां से उन्होंने बेटे की पढ़ाई पूरी की जिसके बाद वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने लगे.
आपको बता दें कि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिए अनिल को दो जगह कोचिंग पढ़ना पड़ता था. यही नहीं बल्कि यह वही है तैयारी दिल्ली में रहकर करते थे, जहां खर्च काफी ज्यादा था. लेकिन उनकी माँ के पास इतने पैसे नहीं थे कि, वह अपने बेटे को अच्छे कोचिंग में पढ़ा सकें. यही कारण था कि अनिल ने पढ़ाई के साथ-साथ पार्ट टाइम प्राइवेट नौकरी करने का फैसला किया. कुछ सालों की मेहनत के बाद वह जीईएन बन गए और अपने परिवार की गरीबी दूर कर दी.
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