भारत की मशहूर एथलीट पीटीयू सा एक ऐसा नाम है, जो किसी पहचान के मोहताज नहीं. आपको बता दें कि पीटी ट्रैक एंड फील्ड खेल में भारत की एक अलग पहचान बनाई है. मालूम हो कि उन्होंने एशिया के अंदर कई बार इस खेल में सफलता हासिल की है. यही नहीं बल्कि साल 1944 के लॉस एंजेलिस ओलंपिक में पीटी ऊषा मात्र 1 सेकेंड से पदक जीतने से पीछे रह गई थी. यही नहीं बल्कि आज भी उन्हें भारत की सबसे तेज दौड़ने वाली महिला के रूप में माना जाता है.
आपको बता दें कि भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष के लिए 95वां चुनाव आयोजित हुआ. जिसमें कई लोगों ने अध्यक्ष के पद के लिए आवेदन किया, जिसमें पीटी ऊषा ने भी अपना नाम डाला. आपको बता दें कि यह चुनाव सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुआ. जिसके बाद इसका रिजल्ट सबके सामने आ रहा है. जैसे ही भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष के चुनाव का रिजल्ट सामने आया, पीटी उषा खबरों में आ गई. पीटी उषा के खबरों में आने के पीछे का सबसे बड़ा कारण यह था कि, वह भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष बन गई हैं.
अध्यक्ष का चुनाव जीतने के बाद पीटी उषा मीडिया से बात करते हुए कहती हैं कि, “अपनी यात्रा के अनुभवों से मैं इस पद के मूल्य को अच्छी तरह से जानती हूं. मैं एक एथलीट और एक कोच के दर्द को महसूस करती हूं इन सबसे ऊपर एक व्यवस्थापक की भूमिका को भी मैं अच्छे से समझती हूं. मैं ओलंपिक मूल्यों को बनाए रखने और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खेल महासंघों के साथ काम करने के लिए उत्सहित हूं और इसके अलावा मैं यह भी सुनिश्चित करूंगी कि भारत एक वैश्विक खेल महाशक्ति बनने की हमारी खोज में आगे बढ़े”.
आपको बताते चलें कि इससे पहले कभी भी भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष महिला नहीं रही है. इससे पहले हमेशा इसके अध्यक्ष पुरुष ही थे. ऐसा पहली बार हुआ है जब भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष कोई महिला बनी है.
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