भारत के सबसे कठिन परीक्षा के रूप में यूपीएससी का नाम लिया जाता है. आपको बता दें कि यूपीएससी की परीक्षा एक ऐसी परीक्षा है जिसके बारे में ऐसा माना जाता है कि, यह परीक्षा भारत के सबसे कठिन परीक्षा है. अगर कोई छात्र इस परीक्षा में सफलता हासिल कर लेता है, तो यह अपने आप में एक बड़ी बात होती है. यही कारण है कि कोई भी छात्र अगर यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर लेता है, तो उसका सम्मान बढ़ जाता है. यही नहीं बल्कि वह अपने परिवार वालों के साथ साथ अपने गांव एवं शहर का नाम भी रोशन कर देता है.
लेकिन यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने के लिए काफी खर्च होते हैं. यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करवाने वाले कोचिंग संस्थानों के फेस लाखों में होती है. यही कारण है कि गरीब परिवार अपने बच्चों को यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी के लिए नहीं भेजता है. लेकिन इसके बावजूद भी कई छात्र ऐसे होते हैं, जो कड़ी मेहनत करके इस परीक्षा को बिना कोचिंग संस्थान की मदद से पास कर लेते हैं. ऐसे ही आज हम आपको एक छात्रा के बारे में बताने वाले हैं जिन्होंने अपने परिवार से लड़कर इस परीक्षा में सफलता हासिल की है.
आज हम आपको राजेश छात्रा के बारे में बताने वाले हैं, उस छात्रा का नाम पूजा झा है. पूजा ने साल 2021 में यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा को पास कर लिया है. यही नहीं बल्कि हैरान कर देने वाली बात यह है कि, पूजा ने यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा को पहले प्रयास में ही पास कर लिया है. हालांकि यहां तक का सफर तय कर पाना पूजा के लिए आसान नहीं था, क्योंकि पूजा ने अपने घर में ही लैंगिक असमानता का सामना किया है. आपको बता दें कि पूजा के पिता एक पियून है और वह नहीं चाहते थे कि, उनकी बेटी पढ़ाई में आगे जाए.
आज भी हमारे देश में कई परिवार वालों का यह मानना है कि, वह अपने बेटों को ही अच्छी शिक्षा देते हैं और अपनी बेटियों को नहीं पढ़ाते. ऐसा ही कुछ पूजा के परिवार वाले भी सोचते थे, लेकिन इन सब से लड़ कर पूजा ने अपने जीवन में वह मुकाम हासिल किया है, जिसके बाद वह ना केवल अपना बल्कि अपने परिवार वालों का भी नाम रोशन कर रही है.
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