माँ एक ऐसा शब्द है जो केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में सम्मान के साथ लिया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दुनिया में अगर कोई व्यक्ति किसी का पूरे जीवन तक साथ दे सकता है, तो वह एक माँ होती है. माँ अपने बच्चों से बेहद प्यार करती है. ऐसा एक बार नहीं बल्कि कई बार देखा जा चुका है कि माँ ने अपने बच्चों का हौसला बढ़ाया हो. ऐसे ही आज हम आपको एक आईएएस ऑफिसर के बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने अपने जीवन में जो मुकाम हासिल किया है, वह केवल अपनी माँ की वजह से ही पाया है. हम जिस आईएएस अधिकारी के बारे में बात करने वाले हैं उनका नाम मुकुंद ठाकुर है.
मुकुंद ठाकुर हमारे देश भारत के राज्य बिहार के रहने वाले हैं. वह बिहार के मधुबनी जिले के रहने वाले हैं. आपको बता दें कि मुकुंद ठाकुर बचपन से ही एक सैनिक बनना चाहते थे. वह सेना में भर्ती होकर अपने देश की सेवा करना चाहते थे. लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था. वह सेना में भर्ती होने के लिए लगातार कई बार कोशिश की, लेकिन हर बार उन्हें असफलता ही मिली. कई बार असफलता हाथ लगने के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और वह भारत की सेवा करने के लिए नए रास्ते ढूंढने लगे.
आपको बता दें कि जब सेना में भर्ती होने का मौका नहीं मिला तब मुकुंद ठाकुर ने नेवी में भर्ती होने का फैसला किया. 2 प्रयासों के बाद मुकुंद ठाकुर ने नीली जैसे कठिन परीक्षा में सफलता हासिल कर ली. लेकिन इंटरव्यू राउंड में उन्हें निराश होना पड़ा. हालांकि नेवी से उनका रिजेक्शन एक बार के लिए नहीं बल्कि हमेशा के लिए था. दरअसल उनके आंख में कुछ प्रॉब्लम होने की वजह से उन्हें निजी जैसे डिफेंस में नहीं लिया जा सकता था. जब यह खबर मुकुंद ठाकुर को मिले तब वह काफी दुखी हुए.
आपको बताते चलें कि कई बार असफलता मिलने के बाद भी देश की सेवा करने का जुनून मुकुंद ठाकुर के अंदर से नहीं गया. यही कारण है कि उन्होंने यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. मालूम हो कि साल 2020 में उन्होंने भारत की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी में सफलता हासिल कर लिया. उन्होंने यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा में सफलता हासिल करके 54वां रैंक लाया और आईएएस अधिकारी बन गए.
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