भारत कई सालों तक ब्रिटिश की एक कॉलोनी बना रहा था. आपको बता दें कि ब्रिटिश ने ना केवल भारत को बल्कि कई देशों को अपना कॉलोनी बना कर रखा था. जिसमें म्यांमार और वर्मा जैसे देश भी शामिल थे. यह बात हम सब जानते हैं कि मैं अमर और बर्मा एक समय में भारत का ही हिस्सा हुआ करते थे. लेकिन बर्मा में ब्रिटिश के बाद जापान ने भी कुछ समय तक अपना कब्जा बनाए रखा. आज हम आपको उन दिनों के बारे में बताएंगे जब भारतीय रुपया जापान छापा करता था. हालांकि जापान ने कभी भारत पर कब्जा तो नहीं किया, लेकिन इसके बावजूद वह भारतीय रुपया छापा करता था. आज हम आपको इसके पीछे का सारा सच बताएं.
यह बात उस समय की है जब विश्व में दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हो रही थी. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन और जापान दो अलग-अलग गुटों में बट गए थे. यह बात हम सब जानते हैं कि उस समय वर्मा और म्यांमार जैसे देश पर ब्रिटेन का कब्जा हुआ करता था. जापान ने वर्मा और म्यांमार पर अटैक कर के वहां से ब्रिटिश को भगा दिया.
ब्रिटिश को म्यांमार और बर्मा से भगाने के बाद जापान वही अपना कब्जा जमाए रखा. इसी बीच उन्होंने बर्मा में भारतीय रुपया की छपाई शुरू कर दी. उन्होंने कभी भी बर्मा में अपने जैपनीज करंसी को नहीं चलाया. यही कारण था कि जापान भारतीय रुपया की छपाई किया करता था. हालांकि कुछ समय के बाद जापान भी वर्मा को आजाद कर के वहां से चला गया.
जापान द्वारा छापी गई भारतीय रुपया के बारे में बताएं तो यह 1 भारतीय रुपया जैसा लगता था. लेकिन इसके ऊपर जैपनीज गोरमेंट लिखा होता था. यही नहीं बल्कि हर नोट में एक प्रकार से कोड लिखा होता था, जो इस बात को स्थापित करता था कि यह नोट वर्मा का है. तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि, किस तरह से जापानियों ने भारतीय रुपया का नोट छापा था.
To get secure cheap & best deal from Flipkart, Amazon, Ajio, and Myntra then do join our Telgram group.
Discussion about this post