रेलगाड़ियों के मामले में भारत शुरू से ही अन्य देशों की तुलना में आगे रहा है. भारतीय रेलवे पूरे विश्व में सबसे बड़ी रेलवे लाइन मानी जाती है. रेलवे के अलावा अगर मेट्रो के बारे में बात करें, तो भारतीय रेलवे मेट्रो में भी काफी आगे है. भारत के कई शहरों में मेट्रो ट्रेनें चल रही है. तो वहीं भारत की लगभग सभी बड़े शहरों में मेट्रो ट्रेन चलाने की तैयारी में लगी हुई है. लेकिन आज हम आपको भारत के रेलवे या फिर मित्रों के बारे में नहीं, बल्कि वाटर मेट्रो के बारे में बताएंगे.
वाटर मेट्रो का नाम सुनकर आपको इसे खबर पर यकीन नहीं होगा, लेकिन अब मेट्रो पानी पर दौड़ेगी. पटरी पर चलने वाली मेट्रो अब पानी के ऊपर भी चलेगी. दरअसल भारत का अन्य द्वीपों के साथ काफी गहरा रिश्ता है. भारत से द्वीप पर जाने के लिए नाव या फिर बोट का सहारा लेना पड़ता है. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि, समय पर बोट या फिर नाव नहीं मिल पाते हैं. इसी को देखते हुए भारत सरकार ने वाटर मेट्रो योजना शुरू की है.
आपको बता दें कि भारत की पहली वाटर मेट्रो परियोजना को शुरू करने में 1136 करोड़ का लागत लगा है. भारत के शहर कोच्चि से अन्य द्वीप पर जाने के लिए यह वाटर मेट्रो सर्विस शुरू की जा रही है. इसमें टोटल 86 बोट्स से शामिल है. तो वही भारत में वाटर मेट्रो की सर्विस सुबह के 7:00 बजे से लेकर रात के 8:00 बजे तक दी जाएगी.
भारत की पहली वाटर मेट्रो के बारे में बात करें, तो इसमें 1 दिन में लगभग 78000 यात्री सफर कर पाएंगे. मुख्य रूप से यह पर्यटक की सुविधा को देखते हुए बनाया गया है. इसमें दिव्यांगों के लिए एक अलग से कोच भी तैयार किया गया है. तो वहीं इन मेट्रो को चलाने के लिए सोलर पैनल का इस्तेमाल किया गया है.
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