हमारे देश में अलग-अलग समाज के लोग रहते हैं. वैसे तो कहने को हमारा देश एक है और यहां रहने वाले सभी लोग एक दूसरे के साथ प्रेम से रहते हैं. लेकिन आपको बता दें कि हमारे देश में एक समाज ऐसा है, जिसे पूरे देश के लोगों ने अलग कर दिया है. जी हां हम बात कर रहे हैं किन्नर समाज का. ट्रेनों या बसों में सफर करते हुए आपका किन्नरों से सामना जरूर हुआ होगा. यह बसों एवं ट्रेनों में पैसे मांगते नजर आते हैं. कई लोग तो बड़े प्यार से इन्हें पैसे दे देते हैं, तो कई लोग पैसे देने से इंकार कर देते हैं. कई बार लोग उनके ऊपर गुस्सा भी हो जाते हैं कि, आखिर यह लोग मुफ्त में पैसे मांगने क्यों आ जाते हैं. लेकिन आपको बता दें कि किन्नरों का बसों एवं ट्रेनों में पैसा मांगना मजबूरी होता है. यही उनकी कमाई का एकमात्र स्त्रोत होता है. ऐसे ही आज हम आपको एक किन्नर के बारे में बताएंगे जिन्होंने इतिहास रच दिया.
आज हम जिस किन्नर के बारे में बात कर रहे हैं उसका नाम एडम हैरी है. एडम हैरी भारत के राज्य केरल के रहने वाले हैं. लेकिन किन्नर होने की वजह से उनके मां-बाप ने उन्हें उनके घर से निकाल दिया था. मालूम हो कि जब एडम हैरी की उम्र मात्र 19 साल थी, तब उनके माता-पिता ने उन्हें घर से निकाल दिया था. घर से निकालने के पीछे का सबसे बड़ा कारण यह था कि, वह एक किन्नर बच्चे को अपने घर में नहीं रखना चाहते थे. इसी वजह से उन्होंने उसे घर से बाहर निकाल दिया था.
जब एडम हैरी के माता-पिता ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया था, तब उन्होंने कई रात फुटपाथ पर गुजारे. उन्होंने अलग-अलग दुकानों में छोटे-मोटे काम करके अपना पेट पाला. मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में एडम हैरी ने बताया कि, जब वह घर से निकाले गए थे तब उन्होंने जूस की दुकान एवं ग्रोसरी की दुकान में छोटे-मोटे काम करके अपना पेट पाला. उनका बचपन से ही सपना एक पायलट बनने का था. लेकिन घर से निकाल दिया जाने के बाद जैसे उनका सपना टूट गया हो. लेकिन ऐसे मुश्किल हालात में भी उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी.
आपको बताते चलें कि जब एडम हैरी को कोई देखने वाला नहीं था, तब राज्य सरकार ने सामने आकर उनकी मदद की. खबरों की मानें तो राज्य सरकार ने लगभग 24 लाख का स्कॉलरशिप एडम हैरी को दिलवाया. जिसकी मदद से एडम हैरी ने अपनी पढ़ाई पूरी की. यही नहीं बल्कि उन्होंने पढ़ लिखकर पायलट जैसे कठिन परीक्षा को भी पास कर लिया. आज वह भारत के पहले ट्रांसजेंडर पायलट बन गए हैं.
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