हमारे देश भारत में लोग खेल को काफी सपोर्ट करते हैं. लेकिन हमारे देश भारत में कई खेल ऐसे हैं जो पिछड़े हुए माने जाते हैं. जब भारत में खेल की बात आती है, तो ऐसे में क्रिकेट देखने वाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा है. वैसे तो हमारे देश का राष्ट्रीय खेल हॉकी है. लेकिन इसके बावजूद क्रिकेट का बोलबाला शुरू से हमारे देश में रहा है. यही कारण है कि क्रिकेट के अलावा दूसरे खेलों पर दर्शकों के साथ-साथ सरकार भी ध्यान नहीं देती है. आज हम आपको एक ऐसे खेल की कप्तान के बारे में बताएंगे, जिस की कहानी सुनकर आप भावुक हो जाएंगे.

भारतीय अंडर-17 फुटबॉल टीम की कप्तान अष्टम उरांव है. वह लगातार पिछले कई मैचों से अच्छा प्रदर्शन करती नजर आ रही है. यही कारण है कि भारतीय अंडर-17 फुटबॉल टीम काफी आगे जा चुकी है. लेकिन इसके बावजूद भी अष्टम उरांव के परिवार वालों की जिंदगी कुछ खास नहीं है. वैसे तो सरकार की तरफ से एवं भारत के खेल एसोसिएशन की तरफ से उन्हें काफी सहायता मिलती है. यही नहीं बल्कि भारत के बड़े-बड़े जाने पहचाने चेहरे भी उनकी तारीफ करते हैं. लेकिन इन सबके अलावा आज हम आपको उनकी निजी जिंदगी के बारे में बताएंगे.
आपको जानकर हैरानी होगी कि अष्टम उरांव के अच्छे प्रदर्शन के बाद सरकार ने उनके नाम की एक सड़क बनाने का फैसला किया, जो उनके गांव से होकर गुजरेगी. लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह है कि जिस भारतीय अंडर-17 फुटबॉल टीम की कप्तान के नाम से वह सड़क बन रही है, उसी सड़क बनाने में उनके माता पिता मजदूरी का काम कर रहे हैं. यह बात सुनने में तो काफी अजीब लग सकती है. लेकिन यह सच है. इन दिनों सोशल मीडिया पर यह खबर काफी तेजी से वायरल हो रहा है.

आपको बताते चलें कि जब भारतीय अंडर-17 फुटबॉल टीम के कप्तान अष्टम उरांव के माता-पिता से पूछा गया कि, वह सड़क बनाने में मजदूरी का काम क्यों कर रहे हैं. तो उनके माता-पिता ने जवाब दिया कि, “अगर मजदूरी नहीं करेंगे तो खाएंगे क्या”. इस खबर के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद वहां के सरकार ने उनकी सहायता के लिए बात कही है. अब ऐसा माना जा रहा है कि अष्टम उरांव के माता-पिता की जिंदगी अच्छी हो सकती है.
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