विश्व के हर पिता का सपना होता है कि, उनके बच्चे पढ़ लिखकर अपने जीवन में कामयाबी हासिल करें. हर पिता यह चाहता है कि, उनका बेटा उनसे भी आगे जाए. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि पिता अपने बेटे का कामयाबी देखने से पहले ही इस दुनिया को छोड़ कर चला जाता है. ऐसे ही आज हम आपको एक पिता एवं बेटे के बारे में बताएंगे, जिसमें अपने बेटे की कामयाबी देखने से पहले वह पिता इस दुनिया को छोड़ कर चला गया. लेकिन पिता की मृत्यु के बाद भी बेटे ने अपने पिता के सपनों को साकार करने के लिए दिन रात एक कर दिया.
भारत में जब भी पावरफुल जॉब के बारे में बात आती है, तो ऐसे में लोग यूपीएससी की परीक्षा को मानते हैं. लोगों का ऐसा मानना है कि यूपीएससी की परीक्षा एक ऐसी परीक्षा है, जिसे पास करके छात्र अपने जीवन में कामयाबी हासिल कर लेता है. छात्र केवल कामयाबी ही नहीं बल्कि आईएएस अधिकारी बनकर अपने शहर एवं राज्य का नाम रोशन करता है. आज हम आपको आईएएस अधिकारी हिमांशु नागपाल के बारे में बताएंगे.
हिमांशु नागपाल भारत के राज्य हरियाणा के रहने वाले हैं. उन्होंने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई अपने गांव में रहकर ही पूरा किया. वह शुरू से ही पढ़ने में काफी होशियार थे. मालूम हो कि इंटरमीडिएट की परीक्षा में हिमांशु अपने क्लास के टॉपर रहे थे. उनके पिता हिमांशु को एक आईएएस अधिकारी बनते देखना चाहते थे. लेकिन इंटरमीडिएट की परीक्षा के बाद हिमांशु के जीवन में एक दुर्घटना हुई. उन्होंने अपने पिता को खो दिया. पिता को खोने के बाद हिमांशु पूरी तरह से टूट गए, लेकिन उन्होंने अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत जारी रखा.
यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा की तैयारी करने के लिए हिमांशु अपना गांव छोड़कर दिल्ली आ गए. दिल्ली में यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करते र. हे मालूम हो कि, उन्होंने पहले प्रयास में ही यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा में सफलता हासिल करके आईएएस अधिकारी बन गए. जब हिमांशु ने यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा में सफलता हासिल किया, तब उनकी उम्र केवल 22 साल थी.
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