Bhagat Singh: महज 23 साल की उम्र में देश पर अपनी जान न्योछावर करने वाले, एक महान देशभक्त और स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह का आज शहादत दिवस है। जिस उम्र में लोग मौज मस्ती करते है, अपनी जिंदगी को एंजॉय करते उस उम्र ने शहीद भगत सिंह इतिहास के पन्नो में अपना नाम अमर करके दुनिया छोड़ गए थे।
शायद, ही ऐसा कोई भारतीय जो उनके बारे में जानता हो, आज ही के दिन भगत सिंह को फांसी पर चढ़ा दिया गया था।
भगत सिंह का जन्म
भगत सिंह (Bhagat Singh) का जन्म 27 सितंबर 1907 को लायलपुर जिले के बंगा में हुआ था, जो कि अब पाकिस्तान में स्थित है। भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह और श्वान सिंह भारत की आजादी में अपना सहयोग दे रहे थे। इससे भगत सिंह पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा। दोनों ही करतार सिंह सराभा द्वारा संचालित गदर पाटी के सदस्य थे।
भगत सिंह करतार सिंह सराभा और लाला लाजपत राय से बहुत ज्यादा प्रभावित थे। 13 अप्रैल 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड से, उससे भगत सिंह के छोटे से बाल मन पर बहुत ही गहरा प्रभाव डाला।
पढ़ाई छोड़ भगत सिंह ने 1920 में महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए अहिंसा आंदोलन में भाग लेने का निर्णय किया। 14 वर्ष में भगत सिंह ने सरकारी स्कूलों की पुस्तकें और कपड़े जला दिए थे।
भगत सिंह पहले महात्मा गांधी के आंदोलन और भारतीय नेशनल कॉन्फ्रेंस के सदस्य थे। पर 1921 में के चौरा-चौरा हत्याकांड के बाद गांधीजी के द्वारा जब किसानों का साथ नहीं दिया गया, तो भगत सिंह चन्द्रशेखर आजाद के नेतृत्व वाले गदर दल में शामिल हो गए।
9 अगस्त, 1925 को शाहजहांपुर से लखनऊ जाने वाली ट्रेन 8 नंबर डाउन पैसेंजर से काकोरी नामक छोटे से स्टेशन पर सरकारी खजाने को लूटा।
इसके बाद भगत सिंह ने राजगुरु के साथ मिलकर 17 दिसंबर 1928 को लाहौर में सहायक पुलिस अधीक्षक अंग्रेज़ अफसर जेपी सांडर्स को मारा डाला।
साल 1929 को अंग्रेज़ सरकार को जगाने के लिये भगत सिंह ने बम और पर्चे फेंके थे। भगत सिंह ने लगभग दो साल रहे, जेल में भगत सिंह व उनके साथियों ने 64 दिनों तक भूख हड़ताल की।जेल में भगत सिंह ने अंग्रेज़ी में एक लेख भी लिखा जिसका शीर्षक था ‘मैं नास्तिक क्यों हूं’? 23 मार्च 1931 को भगत सिंह तथा इनके दो और साथी सुखदेव व राजगुरु को फांसी दे दी गई।
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पंजाब में अब शहीदी दिवस पर, होगा अवकाश
अब पूरे पंजाब (Punjab) में शहीद भगत सिंह (Bhagat Singh) के शहादत दिवस पर हर साल अवकाश रहेगा। राज्य के नए मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने ये घोषणा की। पहले शहीद भगत सिंह के शहादत दिवस पर सिर्फ नवांशहर में अवकाश हुआ करता था। लेकिन अब से पूरे पंजाब में हर साल 23 मार्च को अवकाश रहेगा। पंजाब के नए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपना शपथ ग्रहण भी शहीद भगत सिंह के गांव खटकड़ कलां में किया।