एक माँ ने अपने बच्चे के लिए बाघ से लड़कर अपने बच्चे को बचा कर वापस ले आई. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के जंगल से लगे एक गांव है, जिसका नाम रोहनिया ज्वालामुखी है. यह गांव मध्य प्रदेश के जिला उमरिया में स्थित है. इस गांव में 1 बच्चे और मां के साथ ऐसी घटना पेश आइ जिसे सुनकर सभी उस बच्चे की मां को बहादुर योद्धा कह रहे हैं और जमकर तारीफ कर रहे हैं. दरअसल सुबह में एक बाघ ने 15 महीने के बच्चे को अपने जबड़े में उठाकर ले जाने लगा. तभी मां की नजर उस बाघ पर पड़ी जो उसके बच्चे को जबड़े में दबाकर भागने की फिराक में था.
यह घटना सुबह 11:00 बजे की है. जैसे ही मां ने अपने बच्चे को ले जाते हुए देखा उस के सामने इस तरह से खड़ी हो गई मानो वह मां ललकार रही हो कि, एक मां के होते हुए उसके बच्चे को कोई छीन नहीं सकता. बच्चे को बाघ के जबड़े से निकालने के लिए देखते ही देखते बाघ से भिड़ गई. अपनी हिम्मत और हौसला दिखाते हुए उसने अपने बच्चे को बाघ के जबड़ो से छुड़ा लिया. लेकिन इस पूरी घटना में मां और बच्चे दोनों घायल हो गई. फिलहाल मां बच्चे दोनों का इलाज अस्पताल में चल रहा है.
आपको बता दें कि इस पूरी घटना में मां और बच्चे दोनों बुरी तरह से घायल हैं. बेहतर इलाज के लिए दोनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर में भर्ती कराया गया है. यह घटना रविवार सुबह 11:00 बजे की है इस घटना के बाद गांव में सनसनी फैल गई. लोगों की भीड़ इकट्ठा होने लगी. इस पूरी घटना को देखने और सुनने के बाद उस गांव के लोग दहशत में है.
खबरों के मुताबिक गांव में सुबह तक सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था. लोग अपने अपने कामों में व्यस्त थे. इसी दौरान लगभग सुबह 11:00 बजे अचानक से झाड़ियों में छिपे बाघ ने भोला प्रसाद के घर के पीछे से हमला कर दिया. भोला प्रसाद के घर के पीछे बाघ बच्चे के ऊपर हमला करने के लिए फिराक में था. जैसे ही मौका मिला वह बच्चे को अपने जबड़े में उठाकर भागने लगा. मां ने जैसे ही देखा वह अपने बच्चे को बचाने के लिए आगे आए. उसके बाद बाघ बच्चे को छोड़कर मां अर्चना के ऊपर हमलावर हो गया. अपने दांतो से अर्चना को नोचने और घासीटने लगा. इन सबके बावजूद अर्चना ने बाग से लड़ती रही. आखिरकार मां की ममता कि ताकत के आगे बाघ दुम दबाकर भाग खड़ा हुआ.
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