राजस्थान के श्रीगंगानगर पन्नीवाला जाटान गांव के रहने वाले गोपाल सिहाग काफी लंबे समय से अपने खेतों में खेती-बाड़ी के काम करते आ रहे हैं. शिक्षा की अगर बात करें तो वह सिर्फ 12वीं पास हैं. वह पिछले 10 सालों से लगातार खेती-बाड़ी के कामों में जुड़े हुए हैं. इतने लंबे समय से लगातार खेती-बाड़ी करके बहुत ज्यादा कुछ नहीं कर पाए. कमाई के मामले में बहुत ज्यादा अच्छा नहीं हो पाता था. लेकिन उनकी एक दोस्त की आमद ने उनके किस्मत बदल दी. क्योंकि गोपाल सिहाग के दोस्त ने इन्हें एक ऐसा आईडिया बताया जिससे उनकी कमाई में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली.
लगभग 2 वर्ष पहले गोपाल के एक दोस्त उनके खेत पर आए और बातों ही बातों में गोपाल को बताया कि आप इस खेत में अंजीर की खेती कीजिए. दोस्त ने बताया कि इस की खेती करके कई गुना फायदे कमाया जा सकता है. एक बार कोशिश करने में कोई बुराई नहीं है. गोपाल को भी अपने इस दोस्त का सुझाव काफी पसंद आया. और उसने तय किया कि अब अंजीर की खेती करेंगे. इसके लिए गोपाल ने कई एग्रीकल्चर से बात करके इसके लिए खेती करने का तरीका सीखा. इस दौरान गोपाल के लिए सबसे बड़ी चिंता यह भी थी कि इसे बेचा कैसे जाएं?.
बातचीत के दौरान गोपाल ने बताया कि माल को बेचने का तरीका मुझे सोशल मीडिया के जरिए पता चला. सोशल मीडिया पर वीडियो देखने के दौरान किसान गोपाल सिहाग को कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के बारे में पता चला. कांट्रैक्ट फार्मिंग के बारे में अधिक जानकारी लेते हुए इन्हें यह भी पता चला कि कंपनी डायरेक्ट खेत से ही फल खरीद लेती है. इस तरह की जानकारी जुड़ाने के बाद इन्होंने अंजीर की खेती शुरू कर दी. पहली बार में ही इन्हें इस खेती के जरिए चार लाख का मुनाफा हुआ.
गौरतलब है कि पहली बार में ही किसान गोपाल सिहाग को चार लाख का मुनाफा कमाना बहुत बड़ी बात थी. इसके बाद उन्होंने अपना अगला टारगेट तय करते हुए बताया कि इस बार यह मुनाफा 22 लाख तक ले जा सकते हैं. आपको बता दें कि अंजीर की खेती अन्य फ्रूट्स की तुलना में थोड़ी महंगी होती है. एक पौधे के लिए लगभग ₹300 मेंटेनेंस खर्च आते हैं.
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