सिविल सर्विस की परीक्षा एक ऐसी परीक्षा है, जिसके लिए छात्र के अंदर एक अलग प्रकार का जुनून चाहिए होता है. आपको बता दें कि यूपीएससी की परीक्षा को भारत का सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है. यही कारण है कि इस परीक्षा को पास करने के बाद पूरे देश में उस छात्र का नाम होता है. यही नहीं बल्कि उससे छात्र का यूपीएससी की परीक्षा को पास करना लाखों छात्रों को लिए प्रेरणादायक भी होता है. आज हम आपको ऐसे ही एक छात्रा के बारे में बताएंगे, जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने के लिए अच्छी खासी इंजीनियर की नौकरी छोड़ दी.
इंजीनियर की नौकरी छोड़ करने लगी की तैयारी
यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने के लिए ऐसा माना जाता है कि, छात्रों के अंदर बलिदान की भावना होना चाहिए. कई छात्र अपने घरवालों से दूर रहकर यूपीएससी की परीक्षा के लिए यह बलिदान देते हैं, तो कई छात्र आर्थिक रूप से बलिदान देते हैं. लेकिन ऐसे में हमारे सामने एक छात्रा ऐसी हैं जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा के लिए अपनी नौकरी की बलिदान दे दी. जी हाँ हम बात कर रहे हैं, सरजना यादव की, जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने के लिए अपनी इंजीनियर की नौकरी को लात मार दी.
आपको बता दें कि सरजना यादव ने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई दिल्ली से पूरी की. इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें एक-एक निकल कंपनी में जॉब मिल गई है. लेकिन सरजना यादव का सपना कुछ और ही था. वह शुरू से तो काफी खुश नजर आ रही थी, लेकिन धीरे-धीरे उनका मन जॉब में ना लगने लगा. जॉब में मन ना लगने का सबसे बड़ा कारण यह था कि वह अपने देश भारत के लिए कुछ करना चाहती थीं. वह यूपीएससी की परीक्षा को पास करना चाहती है. जिसके लिए उन्होंने जॉब के साथ-साथ यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. लेकिन जॉब करने के साथ-साथ उन्हें यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने के लिए समय नहीं मिलता था.
आपको बताते चलें कि सरजना यादव जॉब करने के साथ-साथ साल 2018 में यूपीएससी की परीक्षा दी थी. लेकिन इस परीक्षा में उनके हाथ निराशा लगी. जिसके बाद उन्होंने सोच लिया कि जॉब के साथ-साथ यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी नहीं हो सकती. जिसके बाद उन्होंने अपनी जॉब को लात मार दी. जॉब छोड़ने के बाद 1 साल तक उन्होंने दोबारा यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी की. जिसके बाद साल 2019 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा को पास कर लिया. आपको बता दें कि साल 2019 में सरजना यादव ने 126वां रैंक लाकर लाखों छात्रों के लिए मिसाल बनीं.
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