अग्रेंजी में एक कहावत बहुत मशहूर है. फर्स्ट इंप्रेशन इज द लास्ट इंप्रेशन. अगर आप किसी के सामने पहले इंप्रेशन में अच्छा कर जाते हैं तो उस व्यक्ति के सामने आपकी छवि अच्छी बन जाती है. अगर आप पहले इंप्रेशन में उस शख्स के सामने गलत करते हैं तो आपकी छवि खराब बन जाती है. ऐसा ही अफशाना के साथ भी हुआ था. जो साल 2020 में जम्मू कश्मीर में पत्थर फेंकने को लेकर चर्चा में आई थीं. उस समय इनकी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. जिनमें यह चेहरा ढके हुए दिखाई दे रही थी और पुलिस वालों पर पत्थर फेंक रही थी. इसके बाद अफशाना की छवि काफी खराब हो गई थी.

लेकिन अब उन्होंने इस छवि को सुधारते हुए देश के लिए एक बड़ा काम किया है. हाल ही में अफशाना ने 1 न्यूज़ चैनल से बात करते हुए कहा लोगों ने मेरे फर्स्ट इंप्रेशन की वजह से अपने जेहन में गलत छवि बना ली थी. मैंने सिर्फ एक दिन पत्थर फेंकने का काम किया था. इसके अलावा मैं फुटबॉलर हूं और देश के लिए खेलना चाहती हूं. मुझे ज्यादातर लोग पत्थर फेंकने वाली फुटबॉलर बुलाते हैं. जब कोई ऐसा कहता है तो उन्हें काफी बुरा लगता है, लेकिन वह इससे बुरा नहीं मानती हैं और अपनी स्किल्स पर काम करती हैं. साथ ही बातचीत में अफशाना ने यह भी बताया कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था, लेकिन लोगों ने उनकी ऐसी छवि बना दी. दिखाया गया कि वह आर्मी के जवानों पर पत्थर फेंक रही हैं.

हालांकि, ऐसा कुछ नहीं था. बता दें, जब इन्होंने पत्थर फेंकने का काम किया था तो काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. घरवालों ने भी इन्हें घर से बाहर निकाल दिया था. वेल धीरे-धीरे परिस्थितियां ठीक हुइ तो यह दोबारा से प्रैक्टिस करने जाने लगी और अब जल्द ही यह देश के लिए फुटबॉल खेलना चाहती हैं. वर्तमान समय में यह महाराष्ट्र वूमेंस लीग में खेल रही हैं.
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