जब से यूपीएससी का रिजल्ट जारी हुआ है. तब से ही अनेक अभ्यर्थियों की प्रेरणा भरी कहानियां सुनाई दे रही हैं. आज के इस पोस्ट में हम आपको एक ऐसे लड़के की कहानी से रुबरु कराने वाले हैं. जिसके माता-पिता सब्जी बेचने का काम करते हैं और उनके बेटे ने यूपीएससी की परीक्षा में 8 वीं रैंक हासिल करके अपनी मेहनत का लोहा मनवा दिया है. इसके बाद उनके घर में खुशी का माहौल है और हर कोई इन्हें जबरदस्त तरीके से बधाई दे रहा है तो चलिए जानते है. ऐसा ही कारनामा करने वाले शरण कांबले के बारे में जिन्होंने यूपीएससी के रिजल्ट में इतिहास रच दिया है.
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मजदूरी करते हैं माता-पिता
जिस शरण कांबले के बारे में हम आपसे बात कर रहे हैं वह महाराष्ट्र सोलापुर के रहने वाले हैं. उनके माता-पिता सोलापुर में ही खेत में मजदूरी करके घर का पालन पोषण करते हैं. उनके माता-पिता बताते हैं कि उनका बेटा हमेशा से ही पढ़ाई से बेहद प्रेम करते हैं. हमारी आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण भी हम उन्हें पढ़ाना चाहते थे एक बार तो ऐसी सिचुएशन आ गई थी. जब हम उनकी फीस भी नहीं दे पा रहे थे लेकिन हमने फिर सब्जी बेचना शुरू कर दिया. जिससे उनकी फीस भरपाई.
अब बेटे ने पूरे देश में 8 वी रैंक हासिल की है/ जिसके बाद हमें काफी गर्व महसूस हो रहा है. इनके पिता बताते हैं कि हमारी आर्थिक स्थिति काफी खराब थी और हमारी काम को देखकर इनकी पढ़ाई भी डिस्टर्ब होती थी. इसीलिए हमने अपने बेटे को बी टेक की पढ़ाई करने के लिए दिल्ली भेज दिया. वहां पर उन्होंने बीटेक की पढ़ाई की और उसके बाद यूपीएससी की यात्रा शुरू हुई.
पिता को नहीं पता था बेटे ने किस चीज की पढ़ाई की
इनके पिता ने सादगी से जवाब देते हुए कहा कि उन्हें यह भी नहीं पता था कि उनका बेटा क्या पढ़ाई कर रहा है. यह कहते हैं कि वह समझते थे. उनका बेटा मास्टर बन गया है और बच्चों को पढ़ाता है लेकिन अब उसने बताया कि उसने आईएएस की पढ़ाई की थी और अब वह आईएएस की पढ़ाई करके डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर यानी डीएम बनेगा. रिजल्ट जारी होने के बाद उनके घर में तो खुशी का माहौल है ही. इसके साथ-साथ इनके गांव में भी खुशी का माहौल है और उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. लगातार इनकी मेहनत और संघर्ष की खूब तारीफ की जा रही है.
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