इन दिनों सोशल मीडिया पर एक बहादुर महिला की वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रही है. गरीबी ने इस महिला को बहादुर और ताकतवर बना दिया है. इस वीडियो में मां की ममता झलक रही है जिन्होंने अपने बच्चों की परवरिश के लिए काफी संघर्ष करती हुई दिख रही है. यह बात तो हम सभी जानते हैं कि बैलगाड़ी को बैल खींचता है. लेकिन वीडियो में साफ देखा जा रहा है कि बैलगाड़ी में बैल की जगह खुद एक महिला हाईवे पर खींचती हुई चली जा रही है. जिसके ऊपर सामान के साथ साथ महिला का बच्चा बैठा हुआ.
माता पिता अपने बच्चों की परवरिश के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. मां भूखी सो सकती है लेकिन अपने बच्चों को कभी भी भूखे नहीं सोने देती. ना जाने कितने कष्ट झेल कर माता पिता अपने बच्चे को पाल पोस कर बड़ा करते हैं. मध्य प्रदेश के जिला राजगढ़ के इस महिला का वीडियो देखकर आपका दिल दहल जाएगा. बीते मंगलवार को इस महिला को बैलगाड़ी पर सामान लादकर तथा उस पर अपने बच्चे को बैठा कर खुद खींचती हुई देखी है.
दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक वह महिला राजगढ़ स्थित पचोर से 15 किलोमीटर तक उस बैलगाड़ी को खींचते हुए आ चुकी थी. रास्ते में दो बाइक सवारों ने उस महिला को रोककर इस हालत का कारण पूछा. महिला ने बताया कि वह 15 किलोमीटर दूर से आ रही है और आगे 15 किलोमीटर और जाना है. बातचीत करने के बाद बाइक सवारों ने दरियादिली दिखाते हुए बैलगाड़ी को अपने बाइक से बांधकर महिला और उस बच्चे की मदद की. बैलगाड़ी को रस्सी से बाइक के पिछले फ्रेम में बांधकर बाइक सवारों ने उस महिला को अपनी मंजिल तक पहुंचाया.
महिला का नाम लक्ष्मी बताया जा रहा है. वह कहती है कि 2 साल पहले मेरे पति का देहांत हो गया उसके बाद घर पर कमाने वाला कोई नहीं रहा. दो वक्त की रोटी भी काफी मुश्किल से जुटा पाते हैं. इतना ही नहीं बल्कि इस महिला के चार छोटे-छोटे बच्चे हैं और रहने के लिए कोई घर भी नहीं है. पेट पालने के लिए महिला के साथ साथ सभी बच्चे मजदूरी करते हैं. महिला ने बताया कि विधवा पेंशन भी मुझे नहीं मिलता. इसलिए पेट पालने के लिए इस बैलगाड़ी को भी खींचना पड़ता है.
Discussion about this post