व्यक्ति के जीवन में ऐसे कई मोड़ आते हैं, जब वह व्यक्ति बनना कुछ और चाहता था और बन कुछ और जाता है. हर व्यक्ति के मन में उसका एक अपना सपना होता है. वह अपने फ्यूचर में क्या करना चाहता है उसके बारे में भी वह पहले से ही सोच रखता है. लेकिन किस्मत उसे कुछ और ही बना देती है. ऐसे ही आज हम आपको एक महिला योगिता रघुवंशी के बारे में बताएंगे. आपको बता दें कि योगिता भारत के राज्य महाराष्ट्र की रहने वाली हैं और इन दिनों खबरों में बनी हुई हैं. मालूम हो कि योगिता रघुवंशी के खबरों में बने रहने के पीछे की सबसे बड़ी वजह है कि, वह भारत की पहली महिला ट्रक ड्राइवर बन गई है.
लॉ कॉलेज से की पढ़ाई फिर बन गई ट्रक ड्राइवर
योगिता रघुवंशी का जीवन भी भारत की औसतन महिलाओं की तरह ही थी. पढ़ाई के बीच में ही योगिता रघुवंशी की शादी हो गई थी. लेकिन शादी के बाद उनके पति ने पढ़ाई में उनका पूरा समर्थन किया. आपको बता दें कि योगिता रघुवंशी के प्रति पेशे से एक वकील थे. उन्होंने अपनी पत्नी योगिता को भी कानून की पढ़ाई में डिग्री दिलवाई. पढ़ लिखकर योगिता एक अच्छी वकील बन गई. लेकिन जैसे ही वह कोर्ट के दरवाजे पर दस्तक रखी उनके पति का देहांत हो गया.
पति के देहांत होने के बाद योगिता सदमे में आ गयी. उन्होंने कुछ सालों तक वकील की प्रोफेशनल जिंदगी जीती रही. लेकिन इस पेशे में उनकी आमदनी काफी कम होती थी. योगिता का कहना है कि साल में एक दो पिटीशन ही उन्हें मिल पाती थी. जिसकी वजह से उनके घर के खर्चे पूरे नहीं हो पाते थे. जिसके बाद उन्होंने इस पेशे को अलविदा कहते हुए नई पेशे की शुरुआत की. मालूम होगी योगिता के प्रति एक वकील के साथ-साथ ट्रांसपोर्ट का बिजनेस में भी काम करते थे. जिसे देखते हुए योगिता ने भी इसी बिजनेस में अपना करियर बनाने का फैसला किया.
शुरू शुरू में योग्यता के पास केवल तीन ट्रक थे, वह ऑफिस में बैठकर ट्रांसपोर्ट के बिजनेस पर नजर रखती थी. उनके ट्रक ड्राइवर योगिता के ट्रक में माल ढोने का काम करते थे. लेकिन तभी योगिता के जीवन में एक और घटना हुई. योगिता के एक ट्रक का दुर्घटना हैदराबाद में हो गया. जिसके बाद योगिता को आनन-फानन में हैदराबाद जाना पड़ा. उस ट्रक के ड्राइवर कहीं भाग निकला था. जिसके बाद योगिता ने ठान लिया कि वह अब खुद चलाएंगी. फिर क्या था योगिता ने ट्रक ड्राइवर बनकर इतिहास रच दिया और इसी के साथ वह भारत की पहली महिला ट्रक ड्राइवर बन गई.
ट्रक ड्राइवर बनने के बाद मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में योगिता कहती हैं कि, “पति पेशे से वकील थे, पर साइड में वो ट्रांसपोर्ट का काम करते थे. जब मुझे हमारे पहले पेशे में ठीक से आमदनी नहीं हुई तो मैंने ट्रांसपोर्ट में रुचि लेना शुरू किया. परिवार वाले साथ थे. पर कुछ ऐसे लोग भी थे, जिन्हें मेरा ट्रांसपोर्ट लाइन में जाना नहीं सुहाया. वजह ये थी कि ट्रक ड्राइवरों की खराब छवि. उनके आसपास भी महिलाओं का रहना असुरक्षित माना जाता है. लेकिन ट्रांसपोर्ट आते-जाते सारे भ्रम टूटते गए”.
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