शिक्षक को हमारे देश में एक अलग दर्जा मिलता है. ऐसा माना जाता है कि, एक शिक्षक माता-पिता से बढ़कर होते हैं, क्योंकि माता-पिता तो एक बच्चे को जन्म देते हैं. लेकिन एक शिक्षक उस बच्चे को एक आदर्श व्यक्ति बनाता है. शिक्षक कभी भी अपने छात्रों को पढ़ाने से पीछे नहीं हटते हैं. स्कूल में जब कभी बारिश हो जाए या फिर मौसम खराब हो जाए, तो ऐसे में छात्र यह मनाते हैं कि, उनका टीचर स्कूल ना आए. लेकिन ऐसे मुश्किल मौसम में भी एक शिक्षक स्कूल जरूर जाता है. ऐसे ही आज हम आपको एक टीचर के बारे में बताएंगे, जो पिछले 50 वर्षों से हर दिन लगभग 25 किलोमीटर पैदल चरके अपने बच्चों को पढ़ा रही हैं.
आज हम आपको जिस टीचर के बारे में बताने वाले हैं उस टीचर का नाम नारायणी है. नारायणी भारत के राज्य केरल के कासरगोड इलाके की रहने वाली है. सोशल मीडिया पर नारायण ही काफी तेजी से वायरल हो रही है. केवल सोशल मीडिया पर ही नहीं बल्कि खबरों में भी नारायणी के चर्चे हो रहे हैं. नारायण के चर्चे होने के पीछे की सबसे बड़ी वजह यह है कि, वह पिछले 50 वर्षों से बच्चों को ट्यूशन पढ़ा रही हैं. यही नहीं बल्कि वह हर दिन लगभग 25 किलोमीटर तक का सफर तय करती है.
नारायणी के निजी जिंदगी के बारे में बात करें तो उनके पति अक्सर बीमार रहती हैं, तो वहीं नारायणी की उम्र भी 65 साल हो चुकी है. लेकिन इस उम्र में भी वह 25 किलोमीटर तक पैदल चलकर ट्यूशन पढ़ाती हैं. मालूम हो कि जब नारायणी केवल 15 साल की थी, तब से ही उन्होंने बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया था. नारायणी के शिक्षा के बारे में बात करें तो, वह मैट्रिक तक पढ़ी हुई है. उन्होंने कभी कॉलेज में पढ़ाई नहीं की. लेकिन इसके बावजूद भी वह कई बच्चों को पढ़ाकर कॉलेज भेज चुकी है.
आपको बताते चलें कि कभी कॉलेज ना जाने वाली नारायण चार भाषाएं जानती हैं. वह अंग्रेजी, हिंदी, मलयालम, संस्कृत भाषाओं में माहिर है. उनका दिन सुबह 4:30 बजे शुरू होता है. जिसके बाद वह अपने घर से लगभग 2 घंटे तक पैदल चलने के बाद अपने पहले छात्र के घर पहुंचती है और 6:30 बजे से उस छात्र को पढ़ाने लगती है. तो वहीं पूरे दिन वह छात्रों को पढ़ाती हैं और लगभग रात में अपने घर वापस पहुंचती है. ट्यूशन पढ़ाने के बाद उन्हें जो पैसे मिलते हैं उससे वह अपने और अपने पति का देखरेख करती हैं.
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