राजस्थान भारत का एक ऐसा राज्य है, जो अपने स्वादिष्ट खानों के लिए जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि, राजस्थान के लोग काफी तीखा खाना खाते हैं. राजस्थान की गर्मी से बचने के लिए वह अपने खानों में मिर्च की मात्रा को बढ़ा देते हैं, ताकि उनके अंदर ठंडक बनी रहे. अगर आप राजस्थान में किसी होटल या फिर किसी रेस्टोरेंट में खाना खाने जाते हैं, तो खाने से पहले उसे खाने को चख कर जरूर देख लीजिएगा. क्योंकि राजस्थान वाले काफी तीखा खाना खाते हैं. लेकिन आज हम आपको राजस्थान के तीखे खाने के बारे में नहीं बल्कि राजस्थान की मिठास के बारे में बताएंगे. मालूम हो कि राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर को पिंक सिटी के नाम से जाना जाता है. इस शहर में 140 साल पुराना एक ऐसा रबड़ी की दुकान है जो पूरे भारत में मशहूर है.
140 साल पहले पहलवान ने शुरू की थी दुकान
राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर में स्थित हवामहल को भला कौन नहीं जानता. कोई भी व्यक्ति अगर राजस्थान जाता है तो, वह जयपुर का हवामहल जरूर देखता है. हवा महल की खास बात यह है कि उसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. जयपुर का केवल हवा महल ही नहीं बल्कि हवा महल के पास वाली गली का एक रबड़ी का दुकान भी काफी मशहूर है. हम जिस रबड़ी की दुकान की बात कर रहे हैं उस दुकान का नाम महावीर रबड़ी भंडार है और इस दुकान की सबसे खास बात यह है कि, यह 140 साल पुराना है.
अपने समय के मशहूर पहलवान कपूरचंद जैन ने इस दुकान की शुरुआत की थी. मालूम हो कि वह थाने के बड़े शौकीन थे उन्हें खाने में भी बेहद पसंद था. यही नहीं बल्कि वह लोगों को खिलाने में भी काफी माहिर थे ऐसा माना जाता है कि, वह अपने जमाने में कई लोगों को मुफ्त में मिठाईयां खिला देते थे. यही कारण है कि उन्होंने रबड़ी की दुकान खोली. जिसके बाद धीरे-धीरे वह दुकान मशहूर होने लगी और दूर-दूर से लोग कपूरचंद की रबड़ी खाने आने लगे.
140 साल पुराना होने के अलावा इस दुकान की एक और खास बात यह है कि, इस दुकान को कपूरचंद की चौथी पीढ़ी ही संभाल रही है. यही नहीं बल्कि इस दुकान को चलाने वाली एक महिला है, जो कपूरचंद की चौथी पीढ़ी हैं. वैसे तो कपूरचंद ने अपने समय में केवल रबड़ी का दुकान खोला था. लेकिन उनके बच्चों ने इस व्यापार को बढ़ाया और आज इस दुकान में केवल रबड़ी ही नहीं बल्कि कई तरह की मिठाइयां भी मिलती है. मिठाइयों के साथ-साथ इस दुकान में थाली का भी व्यवस्था किया गया है. दुकान को संभालने वाले सीमा बड़जात्या बताते हैं कि, यहाँ हर दिन 200 किलो की सब्जी बनती है. इससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि, हर दिन दुकान में कितने लोग आते होंगे.
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